उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। धर्मशाला
प्रदेश के पूर्व काबिना मंत्री व भारतीय कांग्रेस के सचिव सुधीर शर्मा ने ने कहा कि विपदा की इस घडी में जय राम सरकार पर गलत निर्णय लेने का आरोप लगाया है। सुधीर शर्मा ने कहा की यह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नए फैसला जिस में आयकर देने वालों लोगों की सब्सिडी बंद कर दी जाएगी। यह सरकार का फैसला न्यायसंगत व तर्कसंगत नहीं है। आयकर देने वाले गैर वेतनभोगी व निजी क्षेत्र में काम करने वालों पर दोहरी मार है। एक तरफ लॉकडाउन के चलते लाखों गैर वेतनभोगी पिछले 51 दिनों से घरों में बैठे हैं और उनको सरकार की तरफ से कोई भी वितीय मदद नहीं की जा रही उल्टा सरकार ने उन से यह हक भी ले लिया।
सुधीर शर्मा ने कहा कि यह हाल निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का है जिन्हें इस विपिदा मैं अपनी नौकरी से हाथ धोने पड़े या फिर उन के वेतन में कटौती करणी पड़ी। इन दोनों क्षेत्र के लाखों लोगो को सरकारी राशन का सहारा था जो भाजपा सरकार ने इस घडी में छीन लिया। यह मौजूदा साकार की जनता के प्रति संवेदना को दर्शाता है। सुधा शर्मा ने कहा कि एपीएल परिवारों की सब्सिडी में 50 प्रतिशत कटौती की मार इस महामारी के समय में उनके जीवन यापन पर कुठाराघात है। माध्यम वर्गीय परिवारों पर ऐसे निर्णय बिजली बन कर टूटे हैं। भाजपा सरकार के गलत फैसलों के कारण आज प्रदेश में कोविड- 19 के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
शर्मा ने कहा कि सब से पहले जप के दो संसद अपने नेता व प्रधान मंत्री के आग्रह को ठुकराते हुए दिल्ली से अपने अपने चुनाव क्षेत्रों में वापिस आ गए और साथ ही में पुलिस के एक अला अधिकारी अपने बेटे को दिल्ली से वापिस लेकर आ गए। सुधीर शर्मा ने कहा कि देश के प्रधान मंत्री ने जनता से यह अग्रह किया था की जो जहां है वहीं रहे, लेकिन इस क्रम को तोड़ने वाले बीजेपी के अपने सांसद व सरकार के ऊंचे ओहदे पे बैठे लोग ही निकले। सरकार को फिर आम आदमी के दवाब में आ कर देश के अन्य अति संवेदन राज्यों से भी हिमाचल के लोगों को लाने के लिए आदेश देने पड़े जिस से इस महामारी जो की नियंत्रण में थी एक विकराल रूप लेने पर अमादा हो चुकी है। अभी तक सरकार के पास इस इस महामारी से निपटने का कोई रोड्मैप नहीं है। उल्टा जनविरोधी फ़ैसलों से घरों में बैठे लोग मानसिक रूप से उत्पीड़ित हो रहे हैं। जहां घर घर राशन देना चाहिए था वहां मुंह से निवाला छीनने वाली सरकार पहली बार प्रदेश ने देखी है।