एस के शर्मा। बड़सर
उपमंडल बड़सर के तहत आने वाली ग्राम पंचायत जजरी के गांव ठाणा वार्ड नंबर एक में पांच बेटे होने के बाबजूद भी 70 बर्षीय लक्ष्मी अकेले टूटे मकान में जिंदगी विताने को मजबूर है। उम्र के इस पड़ाव में जहां परिवार का सुख मिलना चाहिए था वहीं लक्ष्मी भूखे पेट सो कर किसी तरह जिंदगी के पल काट रही हैं। सरकार व प्रशासन ने भी इस बृद्धा को आज दिन तक न तो बीपीएल श्रेणी में डालना भी उचित नहीं समझा। हालाकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ दिया। समाज में आज भी ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जो या तो औलाद द्वारा प्रताड़ित किये गए हों या सरकार व प्रशासन की अनदेखी के चलते दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं। बताते चलें कि ग्राम पंचायत जजरी में 70 बर्षीय लक्ष्मी पांच कलयुगी वेटों की अनदेखी के कारण अपनी बची हुई जिंदगी के पल गरीबी और कभी भी ढह जाने वाली छत्त के नीचे काट रही है। वहीं लॉक डाउन के चलते एक समाजसेवी संस्था राशन वितरित करते हुए लक्ष्मी तक पहुंची।
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तब जाकर उसकी व्यथा मालूम हुई। लक्ष्मी को बृद्धा पेंशन मिलती है। उसे प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत सालाना छः हज़ार भी मिलते हैं और वह अकेली रहती है व खुद खाना बनाती है। लक्ष्मी का कच्चा मकान पिछले बर्ष बरसात में गिरा था। जिसमें एक कमरा बचा है, जिसकी छत्त से बारिश में पानी टपकता है। लक्ष्मी के अनुसार लॉक डाउन में स्थानीय पंचायत द्वारा उन्हें कोई सहायता उपलब्ध नहीं करवाई गई। उसे आज दिन तक बीपीएल श्रेणी में भी नहीं डाला गया। उसके पुत्र-पुत्रबधू उसे साथ रखने से मना करते हैं। वह बीमार रहती है तथा बाजार से सामान भी नहीं ला सकती। लक्ष्मी ने सरकार व प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
वहीं ग्राम पंचायत जजरी संतोष डोगरा ने बताया कि लक्ष्मी के पुत्र-पुत्रबधू उसे अपने साथ रखना चाहते हैं, लेकिन वह खुद उनके साथ नहीं रहती। पंचायत की तरफ से उन्हें हर सम्भव सहायता मुहैया करवाई जाती है। मकान ढहने पर 15 हज़ार मुरम्मत के लिए उन्हें सहायता राशि दी गई है। गृहणी योजना के तहत गैस चूल्हा दिया गया है। बीपीएल श्रेणी में 42 लोग सूची में हैं जो सभी पात्र परिवार में आते हैं। उधर बीडीओ बिझड़ी केदारनाथ पांडे ने बताया कि मामले की जांच सबंधित पंचायत प्रधान से तलब करने को कहा गया है।