टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को ’मोल्ड’ नहीं कर सकतेः प्रधानमंत्री

You cannot 'mold' your children through toka-toki: PM
टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को ’मोल्ड’ नहीं कर सकतेः प्रधानमंत्री

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ शुरू होने पर कहा कि यह छात्रों की ही नहीं मेरी भी परीक्षा है। बच्चों से बात करते हुए मुझे भी पढ़ने का मौका मिल जाता है, कुछ नई जानकारी मुझे भी हो जाती है। राष्ट्रीय राजधानी स्थित तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में छात्रों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इस परीक्षा को देने में बड़ा आनंद आता है।

उन्होंने कहा कि मेरी सबसे ज्यादा रूचि इस बात में रहती है कि आज का युवा क्या सोच रहा है। आलोचना करने वालों पर ध्यान मत दीजिए। हमें अपना फोकस कभी छोड़ना नहीं चाहिए। मां-बाप से भी मेरा आग्रह है कि टोका-टोकी के जरिए आप अपने बच्चों को ’मोल्ड’ नहीं कर सकते। जब एक बार आप इस सत्य को स्वीकार कर लेते हैं। की मेरी एक क्षमता है और मुझे अब इसके अनुकूल चीजों को करना है।

आप जिस दिन अपने सामर्थ्य को जान जाते हैं, उस दिन बहुत बड़े सामर्थ्यवान बन जाते हैं। पहले काम को समझिए। हमें भी जिस चीज की जरूरत है। उसी पर फोकस करना चाहिए। अगर मुझे कुछ अचीव करना है तो मुझे स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा। तभी परिणाम मिलेगा। हमें ‘स्मार्टली हार्डवर्क’ करना चाहिए, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे। जो मेहनती विद्यार्थी हैं, उसकी मेहनत उसकी जिंदगी में अवश्य ही रंग लाएगी।

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हो सकता है कोई नकल करके आपसे दो-चार नंबर ज्यादा ले जाएगा लेकिन वो कभी भी आपकी ज़िन्दगी की रुकावट नहीं बन पाएगा। आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी। छात्र ये बात समझ कर चलें कि अब ज़िंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है।

इसलिए जो नकल करने वाला है, वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन ज़िन्दगी कभी पार नहीं कर पाएगा। केवल परीक्षा के लिए ही नहीं, हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो आपको कम पसंद विषय है।

उसको पहले समय दीजिए। उसके बाद उस विषय को समय दीजिए जो आपको पसंद है। आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आप से नई अपेक्षा करेगा। चारों तरफ से दबाव होता है लेकिन क्या हमें इस दबाव से दबना चाहिए? ऐसे ही आप भी यदि अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं, तो आप भी ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे।

कभी भी दबाव के दबाव में ना रहें। बता दें कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ में शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराकर एक रिकॉर्ड बनाया है। प्रधानमंत्री और विद्यार्थियों के बीच बातचीत का यह सालाना कार्यक्रम परीक्षा संबंधी तनाव के मुद्दों से जुड़ा है। बता दें कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पहले संस्करण की शुरुआत 16 फरवरी 2018 में की गई थी।

संवाददाताः ब्यूरो डेस्क

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