दुष्कर्म मामले में 5 साल की क़ैद, 10 हज़ार जुर्माना

एस के शर्मा। हमीरपुर

हमीरपुर जिला में जून 2019 में एक नेपाली बच्ची से हुए दुष्कर्म मामले में स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को आरोपी अर्ज़ीनबीस को सज़ा सुना दी है। स्पेशल जज राकेश कैंथला ने शनिवार को दोषी को 5 साल की जेल और 10 हज़ार रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश सुनाए। यह सज़ा दोषी अर्ज़ीनबीस को पोकसो एक्ट की धारा 10 के तहत सुनाई गई, जबकि पोकसो एक्ट की धारा 4 एवं 376 आईपीसी में आरोपी को दोषमुक्त क़रार दिया गया। 6 जून , 2019 को दर्ज एफ़आईआर नंबर 111/2019 के तहत हमीरपुर जिला मुख्यालय के एक अर्ज़ीनवीस पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगे थे तथा वह क़रीब एक साल से हमीरपुर जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में बंद है।माननीय कोर्ट द्वारा इस मामले में ऑर्डर के लिए 6 जून तारीख़ तय की गयी थी।

सरकारी पक्ष की तरफ़ से केस की पैरवी जिला न्यायवादी के डी शर्मा ने की। इससे पहले जिला न्यायवादी सीएस भाटिया ने केस में तथ्यों , गवाहों एवं बहस के दौरान ज़ोरदार पक्ष रख केस को मज़बूत किया था। बचाव पक्ष में पैरवी एडवोकेट रोहित शर्मा कर रहे थे। बच्ची के चाचा ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि कोर्ट ने नाबालिग़ बच्ची को इंसाफ़ दिलाया है।

यह है सारा मामला
परिजनों की शिकायत पर हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला में दोबारा बच्ची का मेडिकल करवाया था ।इस मामले में काफी हो-हल्ला मचने के बाद एक अर्जीनवीस को गिरफ्तार किया गया था।माननीय कोर्ट ने लंबी बहस के बाद आरोपी अर्जीनवीस के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 एवं 10 के तहत आरोप तय किए गये हैं। कोर्ट द्वारा आरोप तय करते वक़्त आरोपी के बचाव पक्ष द्वारा रखे सभी अपीलों व दलीलों को ख़ारिज कर दिया गया था । बताते चलें कि पुलिस स्टेशन से कुछ मीटर दूरी पर नेपाली मूल की पांच वर्षीय मासूम से हुए दुष्कर्म मामले में पुलिस द्वारा कोर्ट में चालान पेश करने के बाद माननीय कोर्ट द्वारा 17 सितंबर, 2019 से लगातार गवाहियों के लिए तारीख तय कर गवाहों के बयान दर्ज हुए। इसी वर्ष 28 जनवरी को कोर्ट में सभी गवाहों की गवाहियाँ पूरी हुई ।