7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

ज्वालामुखी के पुजारी संदीप शर्मा के घर चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आज समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित सुनील शर्मा के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्रीकृष्णजी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।

इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्रीकृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने को कहा कि जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है।

समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है। लोगों ने रातभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास के पुजारी वर्ग के महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पुरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया।