अभयारण्य योजना के तहत 8 लाख किसानाें काे हाेगा लाभ

एसके शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष डर राकेश बबली ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा कि पशुपालन विभाग की गौसदन, गौशाला और गौ अभयारण्य योजना को सहायता और राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-दो में शुरू करने से 8 लाख किसानों को लाभ होगा। इस योजना को शुरू करने के लिए डॉ राकेश शर्मा बबली ने प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर का किसानों के हित में लिए फैंसले का स्वागत व धन्यवाद किया।

इस दौरान डॉ बवली ने कहा कि डेढ़ साल के भीतर हिमाचल प्रदेश को देश का बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाने के प्रयास जारी हैं। प्रदेश सरकार ने यह फैसला किया है कि किसी को भी अपने मवेशियों को लावारिस छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने बेसहारा पशुओं को का आश्रय देने और गौ सदनों के रखरखाव के लिए प्रति बोतल शराब पर 1.50 रुपए का अपकर लगाने का फैसला किया है, ताकि राजस्व बढ़ोतरी के साथ गौ अभयारण्यों को विकसित किया जा सके। डॉ राकेश बबली ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सड़कों पर एक भी मवेशी नहीं मिले, जिसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

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इस क्षेत्र में हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। डॉ राकेश शर्मा बवली ने कहा कि गौसदन, गौशाला, गौ अभयारण्य योजना सहायता के अंतर्गत भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना नेटवर्क और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्ण टैगिंग के बाद उन सभी गौसदनों, गौशालाओं, और गौ अभयारण्यों के रख-रखाव के लिए भत्ते के रूप में प्रति माह 500 प्रति गाय दिए जाएंगे, जिनमें मवेशियों की संख्या 30 या इससे अधिक है।

उन्होंने कहा कि इन लाभों को सरकार द्वारा स्थापित गौ अभयारण्यों, गौशालाओं, पंचायतों, महिला मंडलों, स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों आदि द्वारा चलायी जा रही गौ अभयारण्यों और गौशालाओं तक बढ़ाया जाएगा। डॉ राकेश बवली ने कहा कि यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री ने राज्य के पशुपालकों के साथ बातचीत की है। गौ सदनों और गाय अभयारण्यों में सभी बेसहारा छोड़े गए मवेशियों को गौ सदनों और गौर अभयारण्यों में लाने का प्रयास किया जाएगा, जिसके लिए समाज के हर वर्ग के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि राज्य में गौ अभयारण्यों की क्षमता वृद्धि के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सात जिलों में सात गाय अभयारण्य स्थापित किए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही क्रियाशील बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग गौर अभयारण्यों से गाय का गोबर खरीदेगा और किसानों को केंचुआ खाद केरूप में बेचा जाएगा। गौ अभयारण्य क्षेत्रों में चारे के पेड़ लगाने के भी प्रयास किए जाएंगी, ताकि गायों को हरा चारा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साल में दो बार मवेशियों का मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करेगी।