कोरोना वैक्सीनेशन पर लापरवाही भारी, 8 राज्यों ने तीन लाख डोज से ज्यादा बर्बाद की

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

भारत में वैक्सीन की कमी और बर्बादी की वजह से वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की औसत संख्या में गिरावट आई है। महामारी के खिलाफ भारत में वैक्सीनेशन ड्राइव की वर्तमान स्थिति एक हफ्ते पहले की तुलना में खराब हुई है। जहां 2 अप्रैल को एक दिन में कोरोना वैक्सीन की 42 लाख (4.2 मिलियन) डोज लगाई गई थी। वहीं बीते हफ्ते एक दिन में औसतन 18 लाख (1.8 मिलियन) डोज लगाई गईं। वैक्सीनेशन रोलआउट में कमी का एक प्रमुख कारण वैक्सीन की बर्बादी भी है। आंकड़ों के मुताबिक, वैक्सीन की कम से कम तीन लाख डोज अब तक बर्बाद हो चुकी हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, वैक्सीन की बर्बादी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार राज्य तमिलनाडु, असम, मणिपुर, हरियाणा, पंजाब, बिहार, नागालैंड और मेघालय हैं। जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली शामिल हैं। इसके विपरीत, केरल ने बर्बाद हुई वैक्सीन डोज का इस्तेमाल करके उपलब्ध डोज से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया। केरल को वैक्सीन की 73,38,806 डोज मिली थी, जबकि केरल ने वेस्ट हुई वैक्सीन का इस्तेमाल करके 74,26,164 डोज अपने नागरिकों को लगाया है।

16 जनवरी 2021 को देश भर में वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था। तब से लेकर अब तक 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन की 16,25,13,339 से ज्यादा डोज अब तक दी जा चुकी है। 4 मई तक लगभग 5.3 करोड़ (53 मिलियन) 60 साल से अधिक उम्र के लोग और इतनी ही संख्या में 45-60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। इसका मतलब यह है कि 45 से 60 साल के बीच 26 प्रतिशत और 60 वर्ष से अधिक आयु के 38 प्रतिशत लोगों को अब तक वैक्सीन की केवल एक डोज मिली है।

3 करोड़ से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीन की दोनों डोज

आंकड़ों के मुताबिक, 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन के लिए राज्यों के पास 94.47 लाख (9.4 मिलियन) डोज उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार और हरियाणा के पास वैक्सीन डोज की सबसे अधिक संख्या है. देश भर में केवल 3.04 करोड़ (30.4 मिलियन) लोगों को अब तक वैक्सीन की दोनों डोज दी गई है।