सोलनः- परवाणु शिमला फोरलेन निर्माण पहले दिन से ही विवादों में रहा है। बेतरतीब कटिंग से कई लोगों के आशियाने उजड गये तो कईयो के घरो में पानी भर रहा है। अभी कार्य पूरा भी नहीं हुआ था कि शमलेच में सड़क धंस गई करीब दो माह बीतने को आये है लेकिन अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है व ना ही निर्माण कर रही कम्पनी के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार है।
शमलेच प्रकरण से घटिया कार्य की पोल तो खुल गई है। वहीं कुम्हारहट्टी बाईपास पर भी दरारें पड़ने लगी है लेकिन शासन प्रशासन चीर निद्रा में लीन है व कम्पनी जवाब देने से गुरेज कर रही है। हमारे संवाददाता ने कम्पनी प्रबंधन के अधिकारियों से जवाब मांगा तो सभी ने अपना पल्ला झाड दिया व कहते फिरे की वह तो बोलने के लिए ऑथराईज ही नहीं है।
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जिस से साफ प्रतीत होता है कि रामराज्य में संवेदनशील सरकार के राज में अब जवाबदेही भी समाप्त होती जा रही है हालांकि अनौपचारिक बातचीत में कंपनी के अधिकारी यह कहते नजर आये कि यदि मीडिया ने शमलेच प्रकरण को इतना हाईलाइट ना किया होता तो एक माह में सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर देते।
जब एक बार हाईलाईट हो जाते है तो उसके बाद पूरे प्रकरण से कार्य करना पडता है अन्यथा तो एक माह में पूरा कर देते। जिस से कम्पनी की निर्माण के प्रति संजीदगी व प्रशासन की गहरी नींद समझदार समझ सकते है खैर अब जरूरत है, कुम्हारहट्टी बाईपास पर पड़ी दरारों को देखने की वर्ना इसे कहने में भी कोई अतिशयोक्ति नहीं कि एक दिन शमलेच पार्ट टू कुम्हारहट्टी बाईपास पर देखने को मिले।
इसके अलावा भी कई स्थानों पर दरारें पड़ी है देखना होगा संवेदनशील सरकार का प्रशासन कब गहरी नींद से जागकर इस कम्पनी को उचित दिशा निर्देश देता है या फिर वो ही ढाक के तीन पात देखने को मिलते है।
संवाददाताः- अमरप्रीत सिंह पुंज