कर्मचारियों व पेंशनरों में सरकार के विरुद्ध पनपती जा रही विरोध की भावना

उज्ज्वल हिमाचल। पालमपुर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय राज्य पेंशनर संघ के वारिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार आज एक साल के कार्यकाल में बिल्कुल कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है। शर्मा ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से फरवरी 2022 के कर्मचारियों और पेंशनरों के एरियर के लिए मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट तौर पर दो साल इंतजार करने की बात कही है। जिससे प्रदेश के समस्त कर्मचारियों व पेंशनरों में सरकार के प्रति रोष व विरोध की भावना पनपती जा रही है।

शर्मा ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देकर इस तरह की बयान बाजी मुख्यमंत्री कर रहे हैं। जबकि अगर सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के हितों का ख्याल है, तो सबसे पहले अपने महंगे शौक बंद करें । वही घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का प्रदेश के पेंशनर्स कड़ा विरोध करते हैं। जब यह ट्रिब्यूनल था तब कर्मचारियों का एक भी कार्य इस ट्रिब्यूनल के तहत नहीं हुआ है। भले ही अब दोबारा शुरू करने के लिए कमेटी का गठन किया जा रहा है, लेकिन जब यह प्रशासनिक ट्रिब्यूनल चलता था तब भी प्रदेश के कर्मचारियों को इसका कोई फायदा नहीं हुआ। केवल मात्र सरकार अपने चाहतों को लाभ देने के लिए यह ट्रिब्यूनल गठित करने जा रही है।

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घनश्याम शर्मा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री 22000 के करीब रोजगार इसी साल देने की बात कर रहे हैं , वहीं दूसरी तरफ पेंशनरों और कर्मचारियों के लंबित देय भुगतान करने में 2 साल के इंतजार की बात कर रहे हैं। साथ ही प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के शुरू करने की प्रक्रिया सब कुछ समझ से परे है। इससे साफ है कि वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर विफल होती नजर आ रही है। शर्मा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार एक साल के कार्यकाल में कर्मचारियों, पेंशनरों बेरोजगारों, किसानों, बागवानों, छात्रों के हित में कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं ले पाई है। जिसका आने वाले समय में वर्तमान सरकार कांग्रेस को बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

संवाददाताः गौरवा कौंडल

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