शिमला में बनेगा एचआरटीसी बसों का म्यूजियम, 50 साल के सफर की दिखेगी झलक

बस सेवा की शुरुआत से लेकर इलैक्ट्रिक बसों तक के सफर को किया जायेगा प्रदर्शित

उज्जवल हिमाचल। शिमला

एचआरटीसी हिमाचल प्रदेश में यात्रा का मुख्य साधन है। इस वर्ष एचआरटीसी अपने सफर के 50 वर्ष पूरे कर रहा है जिसके उपलक्ष्य पर एचआरटीसी स्वर्ण जयंती मना रहा है। 50 वर्षों के यादगार और संघर्षशील यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) शिमला एमडी कार्यालय में बस संग्रहालय बनाने जा रहा है जिसमें अब तक के बसों के मॉडल, पुरानी टिकटें, बसों की पुरानी तस्वीरें और कलपुर्जे संजोए जाएंगे जो स्थानीय लोगों के साथ सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।

एमडी एचआरटीसी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि एचआरटीसी स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर को स्वर्ण जयंती उत्सव के रूप में मना रहा है। निगम एचआरटीसी बसों की वीडियो और फोटो स्पर्धा आयोजित कर चुका है। इसी कड़ी में अब एचआरटीसी बस संग्रहालय बनाने जा रहा है जिसमें 1974 से 2024 तक निगम के बेड़े में शामिल हुई हर प्रकार की बसों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। निगम ने बसों के माॅडल बनवाने शुरू कर दिए हैं। 6 तरह की बसों के मॉडल तैयार हो चुके हैं। अन्य पर काम जारी है। बस संग्रहालय में प्रदेश में बस सेवा की शुरूआत से लेकर इलैक्ट्रिक बसों के संचालन तक के सफर के मॉडल को दिखाया जाएगा।

वहीं रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि एचआरटीसी 30 मई तक अपने सभी 31 यूनिट को प्रदेश में कैशलेश कर लेगा। पहले चरण में शिमला लोकल बसों को कैशलैस कर दिया गया है और वॉल्वो बसों को भी कैशलैस कर दिया गया है दुसरे चरण में नाहन, सोलन, पालमपुर , सुंदर नगर, हमीरपुर , मंडी बिलासपुर, धर्मशाला, सरकाघाट, ऊना, बैजनाथ, धर्मपुर यूनिट को 30 अप्रैल तक कैशलैस बनाने का टारगेट है जबकि अन्य यूनिट को 31 मई तक कैशलैस कर दिया जायेगा। इसके बाद एनसीएमसी कार्ड को भी शुरू करने का प्लान एचआरटीसी ने बना दिया है।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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