सीयू पर छात्रों ने सांसद को कराया सच का सामना : अभिषेक राणा

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

स्टेट कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने हमलावर होते हुए कहा है कि अब तो एबीवीपी के नेताओं व छात्राओं की पीड़ा से यह साबित हो गया है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी कांगड़ा में अड़ंगा किसके कारण पड़ा है और इसका जिम्मेदार कौन है।

बोले, आखिर कब तक झूठ बोलकर राजनीति करते रहेंगे सांसद

अभिषेक ने कहा कि प्रदेश में एबीवीपी पक्ष की सरकार के हावी होने के कारण दरअसल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की उपेक्षा सरकार व सांसद की कोल्ड वॉर का नतीजा है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने जिस सांसद को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मसले पर सवालों के कटघरे में खड़ा किया है वह सांसद लगातार कभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी तो कभी ऐरोप्लेन, कभी सी-प्लेन और कभी रेल के नाम पर झूठी घोषणाएं करके 20 सालों से जनता को छलते व ठगते आ रहे हैं।

  • निर्माण से किसने रोका है, जनता को जवाब दें

पहले सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जमीन व डीपीआर का दोष कांग्रेस पर लगाकर जनता को गुमराह करते रहे, लेकिन अब तो तीन सालों से केंद्र और राज्य में सांसद की ही पार्टी की सरकार है अब उन्हें सेंट्रल यूनिवर्सिटी के निर्माण से किसने रोका है, जनता को जवाब दें। अभिषेक ने कहा कि अब सांसद को जवाब देना होगा कि आखिर जुमलेबाजी से प्रदेश की जनता को कब तक ठगा जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले छात्रों के इस अहम सवाल, कि केंद्र और राज्य में तीन सालों से बीजेपी की सरकार है तो बताया जाया कि 11 सालों से केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास क्यों नहीं हो पाया है।

  • जवाब देने की बजाय छात्रों को किया जलील

अभिषेक ने कहा कि हैरानी तो यह है कि छात्र नेता के सवाल पर सांसद ने पूछा कि आप कौन हैं। तीखे सवालों पर तिलमिलाए सांसद ने जवाब देने की बजाय सत्ता के दबाव में पुलिस का इस्तेमाल करके न केवल छात्रों को जलील किया बल्कि उनको पीछे हटने के लिए भी दुतकारा। हालांकि विगत दिनों धर्मशाला में ही सांसद ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण न होने पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा कर राजनीतिक बयान दिया था, लेकिन अब जब यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले छात्रों ने उन्हें हकीकत का आईना दिखाया तो सांसद की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और वह बगलें झांकते हुए छात्रों को जवाब देने की बजाय उन्हें पूरा मास्क पहनने की नसीहत देते नजर आए। यहां तक कि छात्रों को यह तक कहा गया कि यह उनका पर्सनल मैटर है। अभिषेक ने पूछा कि अगर यह छात्रों का पर्सनल मैटर था तो अब तक सांसद हर सभा में यूनिवर्सिटी परिसर का निर्माण ने होने का आरोप कांग्रेस पर क्यों लगाते रहे हैं।

छात्राओं के बयान से उनकी पीड़ा साफ झलकती है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में किस तरह से छात्रों का लगातार आर्थिक शोषण हो रहा है और उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए उन्हें बेहतर शैक्षणिक माहौल जैसी मूलभूत सुविधा से महरूम रखा जा रहा है। सांसद से पूछे गए सवाल बताते हैं कि सांसद द्वारा छात्रों से किए गए अनुचित व्यवहार में मसले का हल देने की बजाय यह कहकर कन्नी काटी गई कि यह संगठन का मामला है।

  • कैंपस को टुकड़ों में बांटकर छात्रों की परेशानियां बढ़ाई

अभिषेक ने आरोप जड़ा कि बीजेपी ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी पर लगातार राजनीति करते हुए सेंट्रल यूनिवर्सिटी कैंपस को टुकड़ों में बांटकर छात्रों की परेशानियां बढ़ाई हैं। छात्रों को बैठने तक का स्थान नहीं है, मूलभूत सुविधाएं तो मिलना दूर की बात है। गजब यह है कि छात्रों की स्थाई परिसर की समस्या पर सांसद ने यहां तक कह दिया कि छात्र यूनिवर्सिटी के वीसी से मिलें क्योंकि वीसी ने अभी तक डीपीआर नहीं भेजी है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक उनकी तरफ से कोई भी औपचारिकता शेष नहीं बची है। अभिषेक ने सीधा हमला बोलते हुए कहा कि आखिर कब तक सांसद जनता व छात्रों से झूठ बोलकर अपनी सत्ता चलाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मामले पर गुमराह करने वाले सांसद का असली सच व असली चेहरा अब जनता के सामने आ गया है और जनता यह भी जान चुकी है कि इस मामले पर कौन और किस कारण से राजनीति कर रहा है।