मोबाइल सिगनल न हाेने से नहीं हाे रही नौनिहालाें की पढ़ाई

शैलेष शर्मा। चंबा

देश का भविष्य कहलाए जाने वाले आज के नौनिहाल बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर ऊंची पहाड़ियों की खाक छानने को मजबूर है। जी हां यह सत्य उस सच्चाई को उजागर कर रहा है, जिसमें पंचायत व गांव गान के नौनिहाल बच्चे कैसे टेढ़ी-मेढ़ी बिखड़ी पहाड़ी पर इस मोबाइल सिगनल को ढूंढ़ कर पढ़ाई करते हुए उस जगह पहुंचते हैं, जहां थोड़ा बहुत मोबाईल का सिग्नल हो और वहीं पर यह छोटे-छोटे बच्चे इकट्ठे होकर अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को शुरू कर देते हैं।

दिखाई देने वाली पहाड़ की यह ऊंची चोटी पंचायत गान के दायरे में आती है और इस पंचायत के लोगों के साथ इन बच्चों को मुसीबत है, तो इस बात की यंहा पर किसी भी मोबाईल कंपनी का कोई टावर आसपास नहीं है। जिस कारण इस गान गांव में बड़े लोगों के साथ इन स्कूली बच्चों को अपने गांव से दूर वहां तक जाना पड़ता है, जहां पर किसी मोबाइल का सिगनल हो।

गांव बच्चे रोजाना एक झुंड बनाकर उस पहाड़ी तक जाते हैं, जंहा पर मोबाइल सिग्नल होता है और वहीं पर बैठकर अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को शुरू कर देते हैं। यह बच्चे प्रदेश सरकार से अपने गांव में किसी भी कंपनी का मोबाइल टावर लगाने की मांग कर रहे हैं, ताकि वह अपनी पढ़ाई को ठीक से कर सके।

गान पंचायत के उपप्रधान काका ठाकुर ने भी प्रदेश सरकार से अपने गांव में टावर लगाने की मांग करते हुए कहा कि इस गांव के बच्चे अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को ठीक से नहीं कर सकते हैं और एग्जाम के दिनों में तो आधे से ज्यादा बच्चे पेपर तक नहीं दे सकते हैं। उपप्रधान का यह भी कहना है कि आज कल वैसे भी सरे काम ऑन लाइन हो चुके हैं और मोबाइल का सिगनल नहीं होने पर पंचायत के काम को कर पाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।

इनका कहना है की इस बारे वह डीसी चंबा से मिले थे, पर उन्होंने भी हमे झूठा आश्वासन ही दिया। उन्होंने प्रशासन पर मतभेद करने का आरोप लगते हुए कहा कि हमारी पंचायत को छोड़कर अन्य दूरी जगह मोबाइल टावर के काम चल पड़े हैं। इसलिए हमारी इस पंचायत में टावर का काम जल्द से जल्द होना चाहिए।