उपमंडल में प्रशाशन कूड़ा संयंत्र स्थापित करने में नाकाम

जगह जगह कूड़ा फेंकने से वातावरण हो रहा प्रदूषित

रवि ठाकुर। हमीरपुर

उपमंडल बड़सर के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले कूड़ा संयंत्र का काम अभी अधर में लटका हुआ है। जानकारी के अभाव में ग्रामीण लोग इन कूड़ा संयंत्राें के विरोध में लामबंद हो रहे हैं। लोगों के विरोध के बाद प्रशासन भी अपने आप को असहाय पा रहा है, जबकि इसका खामियाजा पर्यावरण व आम जनजीवन को भुगतना पड़ रहा है। उपमंडल में सड़क किनारे जंगलों व बाजारों में कई स्थानों पर कूड़े कर्कट के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। यही नहीं एनजीटी के आदेशों की धज्जिया उड़ाते हए खुले में कूड़े करकट के ढेर को आग भी लगा दी जाती है, जिससे आसपास का वातावरण जहरीला हो जाता है।

बताते चलें कि उपमंडल बड़सर के अंतर्गत विभिन्न पंचायतों से निकलने वाले कूड़े के निष्पादन के लिए प्रशासन द्वारा टिक्कर राजपूतां व कुलेहड़ा पंचायत में जगह चिन्हित भी की जा चुकी थी, लेकिन लगभग सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जब ग्रामीणों की इसकी भनक लगी, तो वह इन कूड़ा संयंत्राें के विरोध में उतर आए। हालात यह हैं कि ग्रामीण किसी भी कीमत पर अपने गांव के आस-पास कूड़ा संयंत्र नहीं लगाना देना चाहते हैं। ऐसे में सवाल ये है कि अगर सराकरी भूमि में ही प्रशाषन कूड़ा संयंत्र स्थापित नहीं कर पा रहा तो फिर किधर किया जाएगा।

हालांकि यह कूड़ा संयंत्र सरकार द्वारा सरकारी भूमि पर स्थापित किए जाने हैं और इनके लिए भूमि भी सरकारी चिन्हित की गई है, लेकिन फिर भी ग्रामीण अपनी निजी भूमि के साथ लगती सरकारी भूमि में इन संयंत्रों को लगाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लोगों को समझना चाहिए की कूड़े का निष्पादन केवल कूड़ा सेंटरों में ही संभव है तथा वह केवल जमीन पर ही बनाए जा सकते हैं। कूड़ा संयत्र स्थापित होने से पूरे क्षेत्र में फैले कचरे से निजात तथा पर्यावरण को सुरक्षा मिलेगी, जिसका सीधा फायदा पर्यावरण व आम जनमानस को होगा।

बताते चलें कि इससे पहले बिझड़ी ब्लॉक से लगभग 4000 किलो प्लॉस्टिक कचरा चंडीगढ़ कूड़ा संयंत्र में इकट्ठा करके विभिन्न पंचायतों के माध्यम से भेजा जा चुका है, लेकिन गीला व सूखा कचरा को निष्पादित करने के लिए नजदीक ही कूड़े संयंत्र की आवश्यकता है। कूड़ा संयंत्र में कूड़ा डंप न करके उसे रीसायकल किया जाता है, जिससे आसपास बदबू फैलने की संभावना भी कम रहती है। विकास खंड अधिकारी बिझड़ी रमेश कुमार का कहना है कि उपमंडल के दो स्थानों पर कूड़ा संयंत्र लगाने के लिए भूमि चयनित की गई थी।

औपचारिकताएं भी लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन ग्रामीण लोग विरोध कर रहे हैं। लोगों को समझना चाहिए कि विकास कार्य व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कूड़ा संयंत्र बनाए जा रहे हैं, जिससे किसी को कोई हानि नहीं पहुंचेगी, बल्कि लाभ ही होगा। उनका कहना है कि और भी कई स्थानों पर कूड़ा संयंत्र स्थापित करने के लिए जमीन की तलाश चल रही है। जल्दी कूड़ा संयंत्र स्थापित कर क्षेत्र को गंदगी व कचरे से पुरी तरह मुक्त किया जाएगा।