चंगर क्षेत्र के रानीताल में खुले कृषि प्रशिक्षण व परामर्श केंद्र

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

भारत में खाद्य और पौष्टिक आहार सुरक्षा सुनिश्चित करने की कुंजी छोटे किसानों के पास है और ग्रामीण क्षेत्रों में खुशहाली लाने के लिए खेती की टिकाऊ प्रणालियों के साथ उन्हें सही दिशा में विकसित होने का अवसर देना अत्यंत लाज़मी है। ऐसे में कृषि संबंधी प्रशिक्षण व परामर्श इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। चंगर क्षेत्र के किसानों की जरूरत को पूरा करने के लिए एक कृषि प्रशिक्षण व परामर्श केंद्र रानीताल में खोला जाए।

किसानों की ओर से इस मांग को उठाते हुए लेक्चरार एसोसिएशन के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व रिटायर्ड प्रिंसिपल कल्याण भंडारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, कांगड़ा समय-समय पर किसानों को उचित एवं उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिससे किसान लाभान्वित होते हैं, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों से सम्बद्ध रखने वाले विभिन्न कारणों से भाग लेने से वंचित हो जाते हैं। ऐसे में अगर कृषि विज्ञान केंद्र, कांगड़ा के तत्वावधान में प्रशिक्षण प्रसार व परामर्श केंद्र चंगर क्षेत्र में खोला जाए, तो भारी संख्या में किसान फायदा उठा सकते हैं।

कल्याण भंडारी ने कहा कि किसानों को वैज्ञानिक विधि से कृषि, पुष्प उत्पादन, सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मत्स्य व मधुमक्खी पालन, औषधीय पौधों की खेती व नर्सरी स्थापित करने की तकनीक समेत कई कार्यों को लेकर प्रशिक्षण दिया जा सकता है, जिसके फलस्वरूप किसान शून्य-लागत प्राकृतिक खेती, आय में बढ़ोतरी, स्वरोजगार अपनाने व कृषि आधारित उद्यम स्थापित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर “लोकल के लिए वोकल” नारे की सार्थकता सिद्ध कर प्रधानमंत्री के “आत्मनिर्भरभारत” अभियान को दृढ़ता प्रदान कर सकते हैं।

भंडारी ने यह बात भी कही कि कोरोना संकट की वजह से विभिन्न प्रदेशों में संगठित व असंगठित क्षेत्रों से रोजगार खो चुके असंख्य नौजवान गांवों में लौट आए हैं। ऐसे में इस तरह का घर-द्वार पर “आपदा में अवसर” प्रदान कर इन युवाओं में आशा की किरण जगा कर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।