कोरोना में केंद्र तथा प्रदेश सरकार की बेरुखी के चलते होटल इंडस्ट्री डूबने की कगार पर : अजय महाजन

विनय महाजन। नूरपुर

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय महाजन ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र तथा प्रदेश  सरकार की बेरुखी के चलते  प्रदेश का पर्यटन उद्योग(होटल इंडस्ट्री) डूबने के कगार पर है। कोरोना महामारी से लॉक डाउन के बाद से मार्च 2020 से जूझ रहे इस होटल इंडस्ट्री को सरकार का सहारा न मिलने से उक्त इंडस्ट्री अपने को लावारिस सा महसूस कर रही है। केंद्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए किसी भी प्रकार की ठोस योजना धरातल में नही उतारी गई जिसके कारण कोरोना की दूसरी लहर में अब यह उद्योग अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। महाजन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान  सरकार के दिशा निर्देशों को समय समय पर मानने वाली प्रदेश की होटल इंडस्ट्री को कोई भी राहत न मिलने से  लगभग 30 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है जबकि जिला कांगड़ा की होटल इंडस्ट्री को 7 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। महाजन ने कहा कि बैंकों से एनपीए से बचने के लिए आधे से ज्यादा होटल मालिक अपने होटल बेचने को तैयार है। महाजन ने कहा कि प्रदेश में होटल संचालको ने अपनी जीवन की पूंजी तथा बैंकों से करोड़ो रूपये लोन लेकर होटल खड़े किए है तथा कोरोना महामारी के दौरान 14 माह में महज 2 माह होटल इंडस्ट्री ने कारोबार किया है जबकि एक साल होटलों का व्यापार पूरी तरह से  चौपट रहा जिसके चलते भारी भरकम लोन की किस्तें व  व्याज चुकाना होटल मालिकों के लिए चुनोती बना हुआ है। महाजन ने कहा कि होटल इंडस्ट्री में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग  7लाख 50 हजार लोग रोजगार कमा रहे थे लेकिन उनमें से अब 90 प्रतिशत लोग वेरोजगार है तथा केंद्र व प्रदेश सरकार का इस वर्ग को आर्थिक सहायता देने के लिए कोई योगदान नहीं है। महाजन ने कहा की केंद्र सरकार के पास कर्मचारियों के लिए ईएफआई फंड्स का प्रावधान होता है जिसके तहत वेरोजगार हुए कर्मचारियों को भत्ता लगाया जाना चाहिए।