कोरोना वैक्सीन लगने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तबीयत बिगड़ी, मौत

23 दिन के बाद महिला ने आईजीएमसी में तोड़ा दम

उज्जवल हिमाचल। शिमला

आईजीएमसी में हमीरपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोरोना वैक्सीन लगाने के 23 दिन बाद तबीयत बिगडऩे के चलते मौत हो गई। हालांकि महिला के मौत का कारण क्या है यह पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा। जानकारी के अनुसार महिला गुलिंबार सिंड्रोम यानी नसों की अकडऩ व हार्ट की बीमारी से भी पीडि़त थी लेकिन जब उसे कोरोना की वैक्सीन लगाई गई तो करीब एक सप्ताह बाद महिला की तबीयत ज्यादा ही बिगड़ गई थी, जिसके चलते महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। महिला की मौत कोरोना वैक्सीन के चलते या फिर अन्य बीमारी से हुई है, इसके असली कारणों का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जांच में जुट गया है।

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का चल सकेगा पता

  • अन्य बीमारियों से भी पीडि़त थी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

महिला को 29 जनवरी को कोरोना का टीका लगाया गया था और 6 फरवरी को महिला कि तबीयत बिगड़ गई, जिसके चलते महिला को पहले हमीरपुर अस्पताल लाया गया लेकिन तबीयत ज्यादा बिगडऩे के चलते उते टांडा मेडिकल कालेज में भेजा गया। वहां पर भी महिला के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ और महिला को आईजीएमसी रैफर किया गया लेकिन महिला ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया है। 56 वर्षीय महिला गांव सौड डाकघर जोल लम्बरी तहसील सुजानपुर जिला हमीरपुर की रहने वाली थी।महिला के मौत से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अगर महिला गुलिंबार सिंड्रोम और हार्ट की गंभीर बीमारी से पीडि़त थी तो उसे इस स्थिति में वैक्सीन क्यों लगाई गई। महिला की मौत एक जांच का विषय बन चुका है। प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगाने का दूसरा चरण शुरू हो गया है लेकिन इस तरह का यह पहला मामला सामने आया है।

आईजीएमसी के एमएस जनक राज ने बताया कि महिला की आईजीएमसी में मौत हुई है। महिला की जब तबीयत बिगड़ी थी तो उसे पहले हमीरपुर और फिर टांडा लाया गया था। जब महिला ठीक नहीं हुई तो उसे आईजीएमसी रैफर किया गया था। महिला को कोरोना वैक्सीन जरूर लगी थी लेकिन काफी समय पहले लगी थी। महिला अन्य बीमारी से पीडि़त थी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई है। वैक्सीन लगाने से महिला की मौत नहीं हुई है।