सदियाें पुराने पीपल के पेड़ पर चला दी कुल्हाड़ी, मामला दर्ज

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। मंडी

ऑक्सीजन के सबसे महत्वपूर्ण स्रोत पीपल के पेड़ पर धर्मपुर में कुल्हाड़ी चला दी गई। 150 साल पुराने इस पेड़ के काटने की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम हरकत में आई है। अब संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाएगी। धर्मपुर बाई पास के समीप स्थित इस पीपल के पेड़ से घर को खतरा बताकर मान सिंह पुत्र केशव राम ने उसे काटने के लिए आवेदन किया था, लेकिन विभाग ने उसे केवल घर के नजदीक पहुंची टहनियों की छंटाई करने की मंजूरी प्रदान की थी। मंजूरी मिलते ही संबंधित व्यक्ति ने टहनियां काटने के बजाय पूरा पेड़ ही कटवा दिया। कोविड संकट में भी लोग पीपल के पेड़ का महत्‍व नहीं समझ पाए हैं।

पीपल का पेड़ अन्‍य की तुलना कहीं ज्‍यादा ऑक्‍सीजन छोड़ता है। पेड़ काटने की सूचना जैसे ही स्थानीय लोगों को मिली, तो उन्होंने इसके बारे में वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पीपल का पेड़ काफी पुराना था और इसकी लकड़ी की कीमत लाखों में है। हैरानी की बात तो यह है कि वन विभाग जहां पीपल को बचाने के लिए अभियान छेड़ रहा है और इसी बीच 150 साल पुराने पीपल के पेड़ को दिन-दिहाड़े ही काट दिए जाने से विभाग की मुहिम को भी झटका लगा है।

स्थानीय निवासी हरि सिंह ने बताया कि पीपल का पेड़ काफी पुराना था। हमने अपना बचपन इसकी छांव में बिताया था। इस तरह से पीपल के पेड़ का काट देना दुर्भाग्यपूर्ण है। विभाग को पेड़ की छंटाई अपनी निगरानी में करवानी चाहिए थी ताकि ऐसा न होता। वन विभाग के आरओ लाल चंद यादव ने कहा कि पीपल के पेड़ की केवल टहनियां काटने की मंजूरी दी गई थी। पेड़ काटने की नहीं, मामले की जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा।