अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिखरेगी मंडी के बायला क्षेत्र के बासमती चावल की खुशबू

उमेश भारद्वाज। मंडी

कृषि क्षेत्र में मंडी जिला का नाम जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर ख्याति अर्जित करने जा रहा है। जिला के विकास खंड सुंदरनगर के बायला गांव में उगाई जाने वाली बासमती अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खूशबू बिखेरने जा रही है। इसको लेकर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने गेहूं व धान अनुसंधान केंद्र मलां जिला कांगड़ा व कृषि विज्ञान केंद्र मंडी स्थित सुंदरनगर के वैज्ञानिकों को बायला बासमती पर अनुसंधान करने के निर्देश दिए हैं। वहीं इसके लिए वैज्ञानिकों ने परीक्षण कार्य भी आरंभ कर दिया है।

विश्वविद्यालय द्वारा प्राचीन काल से उगने वाली बायला बासमती की रजिस्ट्रेशन व जी-आई टैगिंग करवाकर इसकी राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित की जाएगी। बता दें कि बासमती चावल की पैदावार को लेकर प्रसिद्ध बायला गांव के लोगों ने कम पैदावार के कारण बासमती को उगाना बंद कर दिया है। इस कारण बायला की अदभुत खुशबूदार पौराणिक किस्म के बासमती चावल विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. हरेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि बायला क्षेत्र बायला बासमती के नाम से प्रख्यात रहा है और कम पैदावार के कारण किसानों ने इसे उगाना बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने गेहूं व धान अनुसंधान केंद्र मलां जिला कांगड़ा व कृषि विज्ञान केंद्र मंडी स्थित सुंदरनगर के वैज्ञानिकों को बायला बासमती पर अनुसंधान करने और इसके लिए वैज्ञानिकों ने परीक्षण कार्य भी आरंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे जिला मंडी के साथ.साथ प्रदेश व देश का नाम रोशन होगा और साथ ही इस क्षेत्र के लोगों को लाभ व उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी।