डलझील में आस्था की डुबकी लगाने से पहले चौरासी भरमौर माथा टेकते हैं भक्त

उज्ज्वल हिमाचल। भरमौर

चौरासी भरमौर जिसको की भगवान भोले नाथ की देवभूमि भी कहा जाता है। आजकल यह देव भूमि भगवान भोले नाथ के भग्तों से भरी हुई है और यह सभी भग्तजन भगवान भोले नाथ की आराधना और जयकारों को लगाते चौरासी प्रांगण में बैठे रहते है।

आपको बता दें, कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी से लेकर राधाष्टमी तक चलने वाली इस पवित्र यात्रा में लाखों श्रद्धालु इस डलझिल में आस्था की डुबकी लगाते है। पर इससे पूर्व यहां के स्थानीय लोगों के साथ इस शिव मंदिर के प्रांगन में रात्री संध्या के दौरान अपनी प्राचीन भेष भूषा से शिशोभित होकर शिव मंदिर के सम्मुख नृत्य करते दिखाई देते है।

संवाददाताः शैलेश शर्मा

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