इस गांव के लोग करेंगे चुनावों का बहिष्कार, जानें वजह

भूषण शर्मा। नूरपुर

पंचायत छत्तरोली में एमएलए व एमपी के लिए मतदान का इस्तेमाल करने वालों के पंचायत चुनावों में सात किलोमीटर दूर जाकर डालना पड़ेगा अपना मतदान, जो कि ममूर गांव के लोगों को कदापि मंजूर नही हैं और गांव के लोगों से रोष स्परूप मतदान के बहिष्कार करने का फैंसला लिया है। इस गांव के लगभग 120 लोगों ने मतदान बहिष्कार करने का फैंसला लिया है।

क्या कहते हैं गांववासी
ममूर निवासी ममता ने कहा कि हमें ग्योरा पंचायत में शमिल किया गया है, जो हमारे यहां से बहुत दूर है और हमें अगर कोई काम होगा, तो हमें आने-जाने में दिक्कत आती है और न ही हमारा कोई काम होता है। इसलिए हमारी पंचायत कमनाला ही रहनी चाहिए। ममूर निवासी ने कहा कि हम सब ममूर वासी पंचायत, एमएलए, एमपी व चुनावों का बहिष्कार करेंगे। क्योंकि हमें सात-आठ किलोमीटर दूर ग्योरा पंचायत में जोड़ा गया है। यहां न तो हम आम जालास में जा पाएंगे न ही हमारे गांव का कोई काम हो पाएगा। हम इस समस्या को लेकर दो तीन बार प्रशासन और अपने यहां से वन मंत्री से मिले पर उनके द्वारा झूठा आश्वासन ही मिला है।

गांव के बुजुर्ग मनोहर लाल ने कहा की हमारे गांव के साथ अन्याय किया गया है। हमें पँचायत कार्यों के लिए सात किलोमीटर जाना और सात किलोमीटर आना पड़ेगा।जबकि हमें जसूर ,छतरोली,कमनाला इत्यादि को छोड़ कर ग्योरा पंचायत में शामिल किया गया है। हम सरकार को कहना चाहते हैं की हम सब गांव वासी सभी चुनावों का बहिष्कार करेंगे। ममूर के युवा सुनील सेन ने कहा कि हम इस समस्या को लेकर विकास खंड अधिकारी व वन मंत्री के पास गए पर उन्होंने हमें झूठा आश्वासन ही दिया।

हमारे गांव के साथ लगती तीन चार पंचायतो को छोड़ कर हमें सात किलोमीटर दूर ग्योरा पंचायत मे शमिल किया गया है। हमारे यहां लगभग एक सौ बीस मत है। हैरानी की बात यह है कि उनमें से दस मत छतरोली, दस कमनाला पंचायत में शमिल किए गए और दस मत लिस्ट में ही नहीं है। प्रशासन पता नहीं कौन सी नींद में सोया हुआ है, जब चुनाव आते हैं, तब ही जाग खुलती हैं। हमने पंचयात सचिब से भी पूछा कोई ज़बाब नहीं मिला। हमारी सरकार से अपील है की अगर वह हमारे गांव के बारे में सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, तो हम सब गांव वासी चुनावों का बहिष्कार कर रहे हैं।

क्या कहना है खंड विकास अधिकारी का
नूरपुर विकास खंड अधिकारी रोहित शर्मा ने बताया बताया कि इस मामले को लेकर ग्योरा ममूर के गांव के लोग हमारे पास आए थे। हमने उन्हें बता दिया कि यह जो वोटों का विभाजन किया गया है यह नियमानुसार हुआ है, क्योंकि जब विभाजन किया जाता है, तो वो मूहाल के हिसाब से किया जाता है। नियमानुसार हम किसी भी मुहाल को तोड नहीं सकते हैं और अगर हम वोटों को दूसरी पंचायत में नहीं जोड़ते हैं, तो वह पंचायत छोटी हो जाएगी।

इसलिए यह जो प्रतिक्रिया हुई है वह नियमानुसार हुई है। इस मौके पर मग्घर सिंह, भूपिंदर, सुनील, रविन्द्र, जोगिंद्र, करतार, कैलाशो देवी, बबली देवी, संतोष कुमारी, ओम राज, राजकुमारी, मनोहर, प्रदीप, जगदीप, ओंकार, वीर सिंह, रंजना, रिशु, सन्नी, नरेश, विजय सेन, तरसेम, रमेश, विशाल व अनिल सहित सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने रोष प्रकट किया।