भारी बारिश ने मचाई तबाही, टूटकर गिरा चक्की पुल

विनय महाजन। नूरपुर

बहूचरचित अंगरेजो से शासन मे वन उत्तरी भारत का चक्की दरिया पर वना रेलवे पुल पंजाव हिमाचल की सीमा को जोडने वाला रेलवे पुल आज ध्वसत होने से हिमाचल प्रदेश व पंजाव के लोगो को आज काफी दिक्कतो का सामना करना पडा। इस पुल का 32न पिल्लर ध्वसत हूआ है।

करोना काल मे रेलवे विभाग को चिठ्ठी भी लिखी थी पर कार्य वारी कोई नही हुई। लोगो ने इस पुल के ध्वसत होने का कारण पंजाव व हिमाचल प्रदेश मे चक्की दरिया मे अवैध खनन का कारण वताते हुुए भारत सरकार व हिमाचल प्रदेश सरकार की अफसरशाही की लापरवाही व वोट की राजनीति को वताते हुुए कहाकि अगर सरकारी सिस्टम अव भी जनहित मेनही जागा तो एनएचआई का पुल भी जल्दी ध्वसत हो जाऐगा।

पूरे हिंदुस्तान में रेलवे का जाल बिछा हुआ है, लेकिन हिमाचल ही एक ऐसा राज्य है कि जहां पर यह एक छोटी सी नैरो गेज लाइन अंगरेजो के शासन काल की है । इसका हाल देख लो क्या है? हिमाचल के कांगड़ा में यही एक छोटी सी टॉय ट्रेन है और नेताओं के भाषण सुनो तो ऐसे लगता हैकि कल ही जहां बुलेट ट्रेन चल जाएगी।

आखिर कहां गए वह नेता जो बरसों से अपनी राजनीतिक रोटियां इसी बात से सेंकते रहे कि पठानकोट से लेह के लिए ट्रेन चलेगी। आखिरकार यह बड़बोले नेता कब तक जनता को गुमराह करेते रहेंगे। इस पुल के टूटने से हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटी अनेको पंचायतो के अनेको गांव पेयजल व्यवस्था व सिंचाई, व्यवस्था से वछित।

इस पुल से ध्वसत होने से नुरपुर मे सियासी जंग आजआरम्भ हो गयी है इसका नजला पंजाव व हिमाचल से खनन माफियो पर डाल रहै है जिन्हे सम्बधित विभाग अच्छी तरह से जानकारी है। इस मामले मे हिमाचल प्रदेश का प्रशासन कहता है कि मामला पंजाव सरकारी सिस्टम व ऱेलवे विभाग का है।

रेलवे विभाग का सरकारी सिस्टम नुरपुर मे यह कह रहा है कि सिनियर अधिकारीयो को आने पर ही पता चलेगा मीडिया को। इस पुल से ध्वसत होने से कोई भी सरकारी सिस्टम अपनी जिम्मेदारी लेने से कतरा रहा है। रेलवे विभाग इन ध्वसत पुल का कारण पता करने मे जुटा।