ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे कैप्टन संजय पराशर

कहा, रोजगारमुखी शिक्षा से ही होगा समाज व देश का विकास

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

शिक्षा के विकास और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर कैप्टन संजय लगातार कार्य कर रहे हैं। पराशर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं और खुद कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर में जाकर विद्यार्थियों व युवाओं से फीडबैक ले रहे हैं। इसी कड़ी में जसवां.परागपुर क्षेत्र की लग पंचायत में खोले गए ऐेसे केन्द्र का संजय ने दौरा किया और विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों से विचार सांझा किए। इस मौके पर पराशर ने कहा कि रोजगारन्मुखी शिक्षा से ही समाज व देश का सर्वागींण विकास हो सकता है। ग्रामीण प्रतिभाअों को शिक्षा के साथ अन्य कलाओं में भी पांरगत किया जाएगा, ताकि रोजगार हासिल करने के लिए युवाओं को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। कहा कि उन्होंने ग्रामीण विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है और इसके मद्देनजर बच्चों के पाठ्यक्रम के अलावा उन जानकारियों से भी अवगत करवाया जाएगा, जिससे कि उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहूलियत मिल सके।

पराशर ने कहा कि इन केन्द्रों में प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी भी करवाई जा रही है और साथ में कंप्यूटर व इंटरनेट के साथ विद्यार्थी व युवा प्रशिक्षित स्टाफ से मार्गदर्शन ले सकते हैं। इसके अलावा गृहणियां व युवा भी इन केन्द्रों में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। कहा कि जब उन्होंने पहला केन्द्र रैल पंचायत के मेहड़ा में खोला तो वहां अपेक्षा से अधिक विद्यार्थियों की उपस्थिति से आभास हुआ कि अन्य गांवों में भी ऐसे केन्द्र खोले जाने की आवश्यकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए नारी-घाटी, कटोह-टिक्कर, लग व स्वाणा में भी ऐसे केन्द्र खोलने के बाद बेहद कम समय में विद्यार्थियों की संख्या का आंकड़ा साढ़े चार सौ को पार कर गया है। कैप्टन संजय ने कहा कि उनका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शहर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के समकक्ष खड़ा करना है ताकि वे किसी भी प्रतियोगिता में उनसे पिछड़ न सकें।

पराशर ने बताया कि डॉ. कलाम ने कहा था कि देश के सभी 12वीं कक्षा तक के बच्चों में कुछ बुनियादी चीजों का विकास किया जाना जरूरी है। इसके तहत समान शिक्षा, संस्कार, प्रतियोगी बनना और स्वावलंबन शामिल है और वह डॉ. कलाम के ही विचारों को फैलाने का कार्य कर रहे हैं। संजय ने कहा कि उनके द्वारा खोले गए कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर में बच्चों के मुख्यत सामान्य ज्ञान और बौद्धिक विकास को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही कक्षाओं से जुड़े पाठ्यक्रम से जुड़े प्रश्न भी हल करवाए जा रहे हैं। इस प्रकार न सिर्फ इन बच्चों को बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में मदद मिलती है बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी उनकी समझ को विकसित किया जाता है। पराशर बताते हैं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतियोगिता और अन्य व्यावसायिक शिक्षा के विकास के लिए ही उन्होंने यह कदम उठाया है और भविष्य में और ताकत से सुदूर गांवों में भी काम करने की योजना है।