सावधान! कहीं भारी न पड़ जाए लापरवाही

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। डेस्क

ब्राजील , अमेरिका और ब्रिटेन आदि देशों की तरह भारत में भी कोरोना संक्रमण एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है। गत वर्ष दिसंबर में जब कोरोना संक्रमण के दैनिक मामले 10 हजार के आसपास थे, तब पूरी दुनिया को लगने लगा था कि भारत ने महामारी की जंग में बढ़त बना ली है। ऐसा इसलिए हो रहा था, क्योंकि लोग एहतियाती उपायों का पूरी तत्परता से पालन कर रहे थे। विशेषज्ञों का भी मानना है कि लापरवाही के कारण ही देश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। शारीरिक दूरी और मास्क लगाने जैसे एहतियाती उपायों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय के अनुसार, रविवार को कोरोना संक्रमण के 25 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए।

शनिवार को 24 हजार से ज्यादा मामले आए थे। 20 दिसंबर, 2020 के बाद यह दैनिक कोरोना संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा रहा। 20 दिसंबर को 26 हजार से ज्यादा मामले आए थे। कोरोना संक्रमण के नए मामलों के सात दिनों के औसत की बात करें तो इसमें बड़ा इजाफा हुआ है। 11 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह में औसत 10,988 दैनिक मामले आए थे। गत बुधवार को खत्म हुए सप्ताह में इसमें 67 फीसद से ज्यादा इजाफा हुआ है। सीएसआइआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के निदेशक राकेश मिश्र कहते हैं, ‘अगर मौजूदा तेजी जारी रही और भारत में ही कोई नया स्ट्रेन पैदा हो गया तो कोरोना संक्रमण की नई लहर आ सकती है। ऐसा नहीं लगता कि विदेश से आए कोरोना के नए वैरिएंट की वजह से मामलों में तेजी आई है, बल्कि इसके पीछे लोगों की लापरवाही ज्यादा जिम्मेदार है।’