उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा
कैप्टन संजय द्वारा जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का अभियान अब अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस अभियान का जसवां-परागपुर ही नहीं आसपास के छह विधानसभा क्षेत्रों के वासियों को भी सीधा लाभ मिला है। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि पराशर द्वारा अब तक आयोजित कुल 109 स्वास्थ्य शिविरों में लाभार्थियों का आंकड़ा 53,000 को पार कर गया है।
दूसरे चरण में इस अभियान के तहत परागपुर, रक्कड़ और डाडासीबा में स्थानीय वासियों को अपनी आंखों की चेक अप करवाने की नि:शुल्क सुविधा है। साथ में कांगड़ा में आपरेशन करवाने के लिए संजय द्वारा सारा प्रबंध किया जा रहा है।
संजय द्वारा जसवां-परागपुर को मोतियाबिंद मुक्त करने का अभियान मार्च, 2021 में शुरू किया गया था। पहले चरण में 67 मेडीकल कैंपों का आयोजन इस क्षेत्र की हर पंचायत में किया गया। अभियान के दूसरे चरण में अब तक अप्पर परागपुर सहित डाडासीबा, नारी-घाटी, रक्कड़ और परागपुर में 42 शिविर संजय द्वारा लगाए जा चुके हैं। इन शिविरों में भी बड़ी संख्या में मरीज आखों की जांच करवाने आ रहे हैं। मई माह में शुरू किए गए इस चरण में अब तक 7887 मरीज अपनी आखों की जांच करवा चुके हैं।
जसवां-परागपुर क्षेत्र की हर पंचायत में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के बाद संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के चार स्थानों पर निशुल्क चेक अप करवाने की व्यवस्था की हुई है। हर मंगलवार को चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम डाडासीबा में आती है तो महीने में एक दिन चिकित्सक नारी-घाटी में अपनी सेवाएं मुहैया करवाते हैं। इसी तरह हर शनिवार को सुबह परागपुर और दोपहर बाद रकक्ड़ में मरीजों के आंखों की जांच का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही क्षेत्र की उन पंचायतों में ऐसी व्यवस्था की गई है, जहां पर बुजुर्ग मरीज इन स्थानों पर पहुंचने में असमर्थ हैं। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए निर्धारित स्थानों पर लाभार्थी पहुंच रहे हैं। माेतियाबिंद का सफल आपरेशन करवा चुके रोड़ी कोड़ी से मोती राम व बलवंत सिंह, रिड़ी कुठेड़ा से निर्मला देवी, स्वाणता से ध्यान सिंह, बढाल से पैनू राम, ढलियारा से कुलदीप सिंह और गुरनबाड़ से श्याम, ने बताया कि संजय पराशर द्वारा की गई बेहतरीन व्यवस्था से उनकी आंखों की रोशनी वापिस लौट आई है।
संजस ने पहले मेडीकल कैंपों के माध्यम से आम जनता की सेवा की और अब भी परागपुर और रकक्ड़ क्षेत्र मेें नियमित तौर पर चिकित्सकों की टीम को भेजकर बुजुर्गों के आंखों के इलाज में योदान दे रहे हैं। बताया कि आज आंखों की जांच के बाद उन्हें वहीं पर दवाईयां व निशुल्क चश्में भी प्राप्त हो गए और अब आपरेशन करवाने के बाद वह घर के रोजमर्रा के कार्यों में भी योगदान दे रहे हैं।
इसके लिए वे पराशर का आभार व्यक्त करते हैं। वहीं, संजय पराशर का कहना था कि वह जसवां-परागपुर को मोतियाबिंद मुक्त करने का अभियान सफल होता नजर आ रहा है। निस्संदेह इस व्यवस्था को स्थापित करने में स्थानीय वासियों ने भी अपना अमूल्य सहयोग व योगदान दिया।