प्रदेश को खेलों में बनाया जाएगा उत्कृष्टता का केंद्र : राकेश पठानिया

विनय महाजन। नूरपुर

प्रदेश की छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को निखारने तथा उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए प्रदेश को खेलों में उत्कृष्टता का केंद्र बनाने के लिए प्रदेश सरकार विशेष ध्यान देगी। यह बात वन, युवा कार्य एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ने आज सोमवार को मलकवाल (नूरपुर) से केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में भाग लेते हुए कही। उन्होंने कहा कि विंटर ओलिंपिक में प्रदेश के खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए धर्मशाला, मनाली तथा शिमला में ऑल वेदर आइस स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

  • राकेश पठानिया ने केंद्रीय खेल मंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में लिया भाग
  • ओलंपिक्स के लिए खिलाड़ियों को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण

उन्होंने बताया कि इसके लिए अभी तक दो परियोजनाओं की मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इन आइस स्केटिंग रिंक के निर्माण से प्रदेश के खिलाड़ियों को ओलिंपिक स्पर्धाओं में भाग लेने के लिए तैयारी का बेहतर मौका मिलेगा। पठानिया ने कहा कि “खेलों इंडिया” कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा 22 परियोजनाएं मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई हैं, जिनमें से चार परियोजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने पर तेजी से कार्य शुरू किया जाएगा।उन्होंने कहा कि कांगड़ा ज़िला में हाई एल्टीट्यूड ट्रेनिंग सेन्टर की स्थापना प्रस्तावित है, जिसके निर्माण कार्य के लिए केंद्र सरकार का सहयोग लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अन्य खेलों के साथ साहसिक खेल गतिविधियों को बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पठानिया ने कहा कि खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने पहली बार ओलंपिक एवं पैरालंपिक के पदक विजेताओं के लिए प्रोत्साहन राशि को 50 लाख से बढ़ा कर एक करोड़ रुपए किया है। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता देश की हॉकी टीम में हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले खिलाड़ी वरुण कुमार तथा पैरालंपिक में हाई जंप के रजत पदक जीतने वाले निषाद कुमार को एक-एक करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, लेकिन प्रशिक्षण के अभाव में खिलाड़ी पीछे रह जाते हैं।

इसके लिए जिला स्तर पर बेहतर खिलाड़ियों को चिन्हित करने के साथ उन्हें हर बेहतर सुविधाएं एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री का इस वर्चुअल बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर का धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम को विश्व के मानचित्र पर लाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र में उनके खेल मंत्री बनने से खेलों के प्रति उनकी गहरी रूचि और अनुभव का प्रदेश एवं देश के खिलाड़ियों को भरपूर लाभ मिलेगा। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह बैठक आगामी ओलिंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों एवं खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आगामी ओलिंपिक में भाग लेने के लिए “वन स्टेट, वन स्पोर्ट” योजना पर कार्य को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि खिलाड़ी अधिक से अधिक मेडल जीत सकें। उन्होंने कहा कि इस कार्य को अमलीजामा पहनाने में केंद्र के साथ-साथ राज्यों की भी विशेष भूमिका रहेगी। केंद्रीय खेल मंत्री ने खेल गतिविधियों को बढ़ाने एवं छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को चिन्हित करने के साथ उन्हें निखारने के लिए खेल मंत्रियों को इस दिशा में जमीनी स्तर पर कार्य करने का आग्रह किया। इस मौके पर जिला खेल अधिकारी नरेश पाल गुलेरिया भी उपस्थित रहे।