क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स को बनाएंगे उत्कृष्टता का केंद्र: कुलपति प्रो. हरिंद्र कुमार चौधरी

आदित्य सलूजा। पालमपुर
चिकित्सा पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान महाविद्यालय के क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स को उत्कृष्टता का केंद्र बनाया जाएगा। कृषि विश्वविद्यालय में आज यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कुलपति प्रो. हरिंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि डॉ. जीसी नेगी पशु चिकित्सा पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान महाविद्यालय में सुपर पशु चिकित्सा मल्टीस्पेशलिटी कॉम्प्लेक्स राज्य भर से बीमार और बीमार पशुओं को विशेष और विशिष्ट मल्टीस्पेशलिटी सुविधाएं व नैदानिक सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है। तकनीकी व अन्य सुविधाओं को और अधिक बढ़ाकर इसे उत्कृष्टता केंद्र बनाने के लिए प्रयास शुरू किए गए हैं। प्रो. चौधरी ने उन वैज्ञानिकों और छात्रों की सराहना की जो पशु प्रजनन, पशु चिकित्सा और पशु चिकित्सा सर्जरी के क्षेत्रों में किसानों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैें और कोविड-19 महामारी के दौरान भी निर्बाध रूप से नैदानिक सेवाएं यहां प्रदान की गईं।

उन्होंने कहा कि एक त्वरित उपचार सामान्यत: कॉलेज के क्लिनिक में प्रभावी डायग्नोस्टिक प्रयोगशाला सेवाओं से पहले कर दिया जाता है। इसके उपरांत पशु चिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान, पशुचिकित्सा परजीवी विज्ञान और पशु चिकित्सा पैथोलॉजी विभाग द्वारा डायग्नोस्टिक सेवाएं दी जाती हंै। प्रो. चौधरी ने बताया कि शीघ्र ही डॉ. जीसी नेगी पशु चिकित्सा पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान महाविद्यालय में रियायती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक बाहय पशु चिकित्सा केंद्र स्थापित किया जाएगा। किसानों को इलाज के लिए उनके पशुओं को यहां लाने के लिए भी कुछ सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इस अवसर पर डीन डॉ. मनदीप शर्मा ने जानकारी दी कि वेटरनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स में 17 विशेषज्ञों के अतिरिक्त वेटरीनरी प्रशिक्षु तथा पोस्ट ग्रेजुएट्स व पीएचडी छात्र भी सेवाएं प्रदान करते हैं जो कि विभिन्न विभागों में जानवरों की देखभाल और नैदानिक सहायता की प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा हैं। इसके अलावा, बीवीएससी के तीसरे व चौथे वर्ष के स्नातक छात्र भी यहां क्लिीकल अभ्यास करते हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान विभिन्न डायग्नोस्टिक विभागों द्वारा छोटे और बड़े जानवरों के कुल 8500 मामलों का इलाज किया गया। इन विभागों की डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाओं में विभिन्न बीमारियों की पहचान के लिए लगभग 6000 डायग्नोस्टिक सैंपल लिए गए। विभिन्न रोगों के लिए 1000 से अधिक जानवरों का विशेषीकृत इलाज किया गया। वेटरनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज सूद ने बताया कि यहां राज्य सरकार के पशुपालन विभाग और राज्य भर के किसानों से पशु चिकित्सकों के लिए नियमित रूप से प्रत्यक्ष डायग्नोस्टिक सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं।