पशुपति को मनाने पहुंचे चिराग, 10 मिनट बाद खुला दरबाजा

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट हो गई है। लोजपा के छह में से पांच सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सदन में अलग गुट के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है। इसी समले पर पशुपति कुमार पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मैं पार्टी के तोड़ नहीं उसे बचा रहा हूं। उन्होंने कहा कि चिराग पासवान से मुझे कोई शिकायत नहीं है और वह चाहें तो पार्टी में रह सकते हैं। इस बीच चिराग पार्टी के सांसद और चाचा पशुपति कुमार पारस के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे।

हालांकि, चिराग पासवान को चाचा पशुपति से मिलने के लिए 25 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। इन पांचों सांसदों का नेतृत्व राम विलास पासवान के छोटे भाई और हाजीपुर के सांसद पशुपति नाथ पारस कर रहे हैं। बागी पांचों सांसदों पशुपति पारस, प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर के जेडीयू में शामिल होने की भी चर्चा है। इसके साथ लोकसभा में चिराग अकेले पड़ जाएंगे। इससे पहले पशुपति पारस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारी पार्टी में सेंध डाला और 99 फीसद कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया।

हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं। 5 सांसदों की इच्छा थी की पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है इसलिए पार्टी को बचाया जाए। मैं पार्टी तोड़ा नहीं हूं पार्टी को बचाया हूं। लोजपा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि पार्टी के पांच सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नया नेता चुना है, जो वर्तमान में बिहार में हाजीपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि लोजपा सांसदों ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें पार्टी में नए घटनाक्रम के बारे में एक पत्र सौंपा।

उन्होंने उनसे पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नया नेता मानने का अनुरोध किया है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान के पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संरक्षक रामविलास पासवान के निधन के बाद की कार्यशैली से लोजपा सांसद खुश नहीं हैं। लोजपा के लोकसभा में कुल छह सांसद हैं और पांच सांसदों ने सर्वसम्मति से निचले सदन में पशुपति पारस को पार्टी का नेता चुना है। इस कदम को बिहार की राजनीति में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। लोजपा वर्तमान में केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है।