कड़कड़ाती ठंड में खुले में पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे, सरकारी दावों को आईना दिखा रहा ये स्कूल

शैलेश शर्मा। चंबा

प्रदेश में बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के सरकार लाख दावे करें, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का आज भी बुरा हाल है। जिससे सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। सर्दी के इस मौसम में जहां लोग अपने घरों से नहीं निकलना चाहते हैं तो वहीं, चुराह के एक स्कूल में दर्जनों स्कूली बच्चे खुले आसमान के नीचे कड़कती ठंड में स्कूल के ग्राउंड में बैठने को मजबूर है। बताते चले कि इसी सकूल में छठी कक्षा से लेकर 12वीं तक के करीब 350 बच्चे पढ़ाई करते हैं। कई बच्चे स्कूल की बिल्डिंग नहीं होने के कारण ऐसे में पढ़ाई करने को मजबूर हैं और जब कभी बारिश या फिर बर्फबारी होती है तो इन बच्चों को स्कूल से छुट्टी कर दी जाती है।

डलहौजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उपमंडल स्लूणी के अंतर्गत पड़ने वाला डीयूर का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जोकि वर्ष 1960 से चला हुआ है। आज उस स्कूल की बनी हुई इमारत इतनी जर जर हालत में हो चुकी थी कि उसमे कोई अप्रिय घटना न घटित हो उस इमारत को तोड़ना पड़ा। डीयूर पंचायत के उपप्रधान अजय ठाकुर ने इस स्कूल के बारे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस स्कूल का निर्माण वर्ष 1960, में किया गया था और इस समय इस स्कूल में वर्तमान के समय में

इस स्कूल में छठी कक्षा से लेकर 12, कक्षा तक करीब 350, साढ़े तीन सौ बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की इस खस्ता हालत को देखते हुए शिक्षा प्रशासन ने इस इमारत को अनसेफ घोषित करते हुए इसको डिसमेंटल करवा दिया है, पर एक साल का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक इस स्कूल के भवन का निर्माण नही हो पाया है। इसी के चलते पंचायत और ग्रामीण लोगों का एक प्रतिनिधि मंडल SDM सलूणी से मिला और ज्ञापन भी सौंपा और मांग की जल्द से जल्द इस स्कूल भवन के निर्माण को करवाया जाए ताकि बच्चो की पढ़ाई में कोई बाधा न पड़े।

वहीं, इस समस्या का कैसे समाधान हो सकता है हमारी मीडिया की टीम ने उपनिदेशक हायर से उनके कार्यालय में जाकर बात की तो उन्होंने बताया कि यह मामला हमारे ध्यान में है और यह भी सही है की इस स्कूल की इमारत को डिस्मेंटल कर दिया था। पर उसके बाद यह PWD विभाग के सपुर्द करना पड़ता है। पर स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा लिखी गई चिट्ठी को PWD विभाग ने नहीं माना।

विभाग का कहना था कि यह चिट्ठी हायर अथोर्थी के माध्यम से आनी चाहिए। हमारे विभाग की ओर से पीडब्ल्यूडी को चिट्ठी को लिखा जा चुका है और इसके एस्टीमेट के बारे में लिखा है जोकि हमारे शिमला के उच्च अधिकारियों को बेझा जायेगा।और उसके बाद जैसे ही इसकी अनुमति मिलती है तो जल्द से काम को शुरू कर दिया जायेगा।