नए कॉलेज भवन में शुरू करवाई जाए कक्षाएं : एनएसयूआई

अंकित वालिया। कांगड़ा

आज से छह साल पहले चंगर क्षेत्र लंज में कॉलेज की कक्षाओं में छात्र छात्राओं को बैठाने के लिए कोई ईमारत या जगह नहीं थी। स्व. राजा वीरभद्र सिंह ने चंगर क्षेत्र लंज में एक नए महाविद्यालय की घोषणा जनसभा को संबोधित करते हुए की थी। तब शुरुआती तौर पर लंज के प्राइमरी स्कूल में ये कक्षाएं लगवाई गई थी और आज तक वहीं पर कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चे अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन आज के समय में उस भवन की सभी दीवारें कच्ची हैं और भारी बारिश के कारण उन दीवारों की मिट्टी लगातार निकलती जा रही है। ऊपर की छत भी पुरानी होने के कारण उस में से पानी टपकता है। कॉलेज में शौचालय तक की भी कोई अच्छी सुविधा नहीं है और आजकल कोरोना महामारी में हाइजेनिक रहना सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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एनएसयूआई इकाई के लंज से आए हुए छात्रों ने कहा कि नया कॉलेज जो कि लगभग बन चुका है। उस में से सिर्फ छह कमरे और एक स्टाफ रूम दिया जाए ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकें। अगर नए बने कॉलेज में इस समय सुविधाओं का अभाव है तो बच्चे नीचे बैठ कर भी कक्षाएं लगाने को तैयार है। क्योंकि हर एक बच्चे को यही डर रहता है यदि बरसात के मौसम में पुराने भवन की छत गिरती है तो छात्रों को भी नुकसान पहुंच सकता है। पुराने भवन की हालत जर्जर हो चुकी है। दीवारें गिरने की कगार पर हैं। इसलिए सभी बच्चों का प्रशासन से यही आग्रह है कि 31 जुलाई तक इस मामले पर कोई निर्णय लें या तो बच्चों के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेवारी प्रशासन और सरकार ले। नहीं तो हमें मजबूरन उच्च स्तर पर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा।