विनय महाजन। नूरपुर
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया ने वीरवार काे फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में गुरिया वरोह व राजा का तालाब में तीन नुक्कड़ चुनावी सभाओं को संबाेधित करते हुए कहा कि भाजपा कुनवे में आपसी अंतर कलह काफी है। मुख्यमंत्री अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिए यह चुनावी लड़ाई लड़ रहे हैं। उपचुनाव में शांता व धूमल को सरकार ने चुनावी पोस्टरों से गायब कर दिया है, जवकि काग्रेस आज भी वीरभद्र सिंह द्वारा फतेहपुर मे विकास कार्यों के लिए फतेहपुर में वोट मांग रही है।
डीलिमिटेशन से पहले इस विधानसभा क्षेत्र की एक दर्जन पंचायतें नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में थी, जिसका विकास वीरभद्र सरकार ने करवाया था, भाजपा ने चार वर्ष में अगर कोई विकास करवाया है, ताे जनता को बताएं। फतेहपुर को उपमंडल का दर्जा वीरभद्र सिंह की सरकार ने सुजान सिंह पठानिया के विधायक काल में दिया। भाजपा सरकार की फतेहपुर में चार वर्ष के दौरान एक ही कार्यक्रम है कि जो ऑफिस फतेहपुर में खोले गए थे, उन्हें बंद करवा दिया। फतेहपुर वन निगम का कार्य लय सिमट गया। जवाब दें कि वन मंत्री फतेहपुर की जनता को।
कांगड़ा रेल ठप्प होकर रह गई, जनता तड़प रही है रेल गाड़ियों के संचालन को लेकर सरकार केंद्र व राज्य सरकार मस्त है जवाब दें। सरकार अगर शिमला में सभी रेल जनहित में चल सकती है, फिर कांगड़ा से भेदभाव क्यों। बेरोजगारी व महंगाई गैर हिमाचलियों को रोजगार देना वोट हिमाचलियों से लैने तथा नौकरीयां गैर हिमाचलियों को देना भाजपा सरकार का एजेंडा रहा हैं। महिलाओं का रसोई घर का बजट डगमगा करना भाजपा सरकार की तानाशाही नीति है।
उन्हाेंने कहा कि डॉ सुशांत अड़ियल स्वभाव के नेता हैं, इनका इतिहास सभी जानते हैं, चुनाव जीतने के बाद लोगों के लिए इनको मिलने का समय नहीं होता, कभी तीसरी शक्ति के नाम पर राजनीति का नाटक करने वाले बताएं कि आखिर कौन सी मजबूरी थी कि उन्हें चुनाव आजाद पार्टी की तरफ से लड़ना पड़ा, अपनी पार्टी से क्यों नहीं । शायद यह चुनाव डॉ सुशांत की राजनीति का भविष्य तय करेगा, इसके लिए कुछ भी नौटंकी कर सकते हैं सुशांत।