घोटालों की सरकार बन कर रह गई भाजपा : चौहान

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव, महेश्वर सिंह चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार इस कोरोना काल में लोगों को राहत देने में हर मोर्चे पर विफल रही है और भविष्य में जय राम ठाकुर सरकार को कोरोना काल में लोगों से राहत छीनने वाली सरकार के रूप में याद रखा जाएगा। यह सरकार इस वैश्विक महामारी के दौर में मात्र घोटालों की सरकार बन कर रह गई है और स्वास्थ्य विभाग में आए दिन नए से नए भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा हो रहा है। इस महामारी से निपटने के लिए जरुरी स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों में भी भ्रष्टाचार हुआ है, जिन्होंने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है। इस भ्रष्टाचार के चलते भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

उन्होंने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष ने नैतिक मूल्यों का हवाला देकर इस्तीफा दिया है। कांग्रेस पार्टी का सरकार पर आरोप है कि भाजपा सरकार इस बात को स्पष्ट करें कि भाजपा अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग चला रहे थे; या स्वास्थ्य निदेशक उनके इशारों और आदेशों पर कार्य कर रहे थे, इस पूरे प्रकरण में नैतिकता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग चलाने वाले मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को इस्तीफा देना चाहिए। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस संकट की घड़ी में भी जनता को राहत देने की बजाय उनके मुंह से निवाला छीनने का काम किया है। प्रदेश के सबसे बड़े वर्ग(ए.पी.एल.) को वर्षों से चली आ रही राशन की सब्सिडी से वंचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह राशन की योजना पूर्व कांग्रेस की सरकार के कार्याकाल में आरम्भ हुई थी और हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लंबे कार्याकाल के दौरान अत्यंत महत्वकांक्षी, कल्याणकारी और सफलतम योजनाओं में से एक थी, जिसका बाद में पूरे भारतवर्ष के अंदर अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया। हमारी सरकार से मांग है कि इस योजना को तुरंत जनहित में पुनः आरम्भ किया जाए।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लम्बे समय से प्रदेशवासियों द्वारा बिजली और पानी के बिलों को माफ करने की मांग की जा रही है। परंतु सरकार ने अभी तक इस दिशा में भी लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं। यह सरकार इस दौर में भी मंहगाई को रोकने में नाकामयाब साबित हुई है और रोजमर्रा की चीजों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार द्वारा गैस सिलेंडर पर भारी वृद्धि का भी प्रदेशवासियों को दंश झेलना पड़ रहा है। यह सरकार की राजनीतिक तानाशाही को दर्शाता है।

कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश को कोरोना मुक्त करने के लिए सरकार को हर तरह, हर मोर्चे पर सहयोग दिया है। लेकिन सरकार इस वैश्विक महामारी से निपटने में हर मोर्चे पर विफल रही है और स्वास्थ्य घोटालों के आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है। कांग्रेस नेताओं ने जब-जब सरकार के समक्ष यह मामला उठाया तो सरकार ने इसे रचनात्मक रूप में न लेते हुए विपक्ष के नेताओं को धमकियां देनी शुरू कर दी, जबकि बेहतर होता कि सरकार ऐसी स्थिति में विपक्ष के नेताओं को धमकाने व कांग्रेस की पूर्व सरकारों को कोसने की बजाय इस महामारी के वक्त उत्पन्न व्यापक भ्रष्टाचार की जांच माननीय उच्च न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश/उच्च न्यायालय की निगरानी में की करवाती और जो भी लोग इस घिनौने षड़यंत्र में शामिल हैं उनका पर्दाफाश करती। उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र की सरकार का पूरा ध्यान देश को कोरोना से बाहर निकालने पर होना चाहिए था, लेकिन भाजपा ने अपना पूरा ध्यान बिहार के चुनावों में केन्द्रित कर दिया है। इसके तहत कल भी देश के गृह मंत्री ने वहां पर वर्चुअल रैलियों को सम्बोधित किया। ऐसे वक्त में इस तरह की राजनीति देश और इस महामारी के लिए और भी घातक सिद्ध होगी।