प्रदेश की सीमाएं पर्यटकों को खोलने के विरोध में कांग्रेस ने किया सचिवालय का घेराव

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

विश्व भर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के कहर से हिमाचल भी अछूता नही है। एक समय कोरोना मुक्त होने की दहलीज पर खड़े हिमाचल में आज फिर से 266 से अधिक एक्टिव मामले हो गए है। ऐसे में प्रदेश के द्वार पर्यटकों के लिए खोल दिये गए है जिसका चारो ओर विरोध हो रहा है। कांग्रेस ने आज इसके विरोध में सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इस फैसले को वापिस लेने की मांग की है।

  • प्रदेश कोरोना डेस्टिनेशन बनने की और अग्रसर, सरकार वापिस ले फैसला

शिमला शहरी कांग्रेस ने आज प्रदेश के दरवाजे पर्यटकों को खोलने के विरोध में सचिवालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि कोरोना काल मे सरकार लोगों को राहत देने के बजाए जनविरोधी निर्णय ले रही है। ऐसा लग रहा है प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय मे प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा शून्य होने वाला था तो आज प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। प्रदेश के बॉर्डर पर्यटकों को खोलने से कोरोना का खतरा बढ़ गया है। लोग कोरोना की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट लेकर प्रदेश में घुस रहे हैं। राठौर ने कहा कि प्रदेश के बॉर्डर खोलने के निर्णय का व्यापार मंडल, होटेलियर्स के साथ साथ प्रदेश की जनता विरोध कर रही है ऐसे में सरकार पर क्या आफत आ गयी थी कि उसे ऐसा निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना काल मे लोगों को राहत देने में असफल रही है और बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने के बाद बस किराया बढ़ा कर आम लोगों को महंगाई की मार डाल रही है। सरकार इस जन विरोधी निर्णय को अगर 48 घण्टे के भीतर वापिस नही लेती है तो कांग्रेस जिला स्तर पर बढ़े आंदोलन करेगी।

  • मुख्यमंत्री ने किया पलटवार बोले कांग्रेस कर रही अपने ही लोगों का विरोध

वहीं मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि सबसे पहले कांग्रेस द्वारा शासित प्रदेशों के द्वार पर्यटकों को खुले है। मुख्यमंत्री ने राज्यस्थान का उदाहरण देते हुए कहा है कि वँहा हिमाचल से कहीं अधिक कोरोना के मामले है इसके बावजूद वँहा पर्यटन को खोला गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी मामला पर्यटकों के कारण नही आया है। हिमाचल के जो लोग बाहर फसें थे उन्हें सरकार ने नैतिक जिमेदारी के तहत वापिस लाया है। ऐसे मे कांग्रेस अपने परिवार और भाई बन्धुओ का विरोध कर रही है।