कांग्रेस सरकार ने प्रदेश से किया भेदभाव, कर्मचारी पुरानी पैंशन की कर रहे मांग

उज्ज्वल हिमाचल। धर्मशाला

व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर लगभग एक वर्ष पूर्व बनी कांग्रेस सरकार लोगों से झूठे और लोक लुभावने वायदे कर के सत्ता में आई है। यह सरकार संवेदनहीन है और आज कर्मचारी, सेवानिवृत कर्मचारी व महिलाओं सहित हर वर्ग मौजूदा सरकार के कुप्रबंधन से हताश है। यह बात हिमाचल प्रदेश कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने धर्मशाला में आयोजित एक प्रैस वार्ता में कही। कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर घनश्याम ने प्रदेश सरकार पर जम कर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सुक्खू की सरकार का एक साल बेमिसाल के बड़े-बडे़ हॉर्डिंग तो लगा रही है कि लेकिन प्रदेश का ऐसा कोई वर्ग नहीं है जो सरकार की कार्यशैली से खुश हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह इतिहास रहा कि सत्ता में आने के बाद इनकी कथनी और करनी में अंतर आ जाता है। 10 गारंटियों को लेकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने बरोजगारों, कर्मचारियों, महिलाओं और युवाओं के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि जिन गारंटियों के मद्देनजर जनता ने कांग्रेस को सत्ता दी, एक वर्ष बीत जाने के बाद कांग्रेस सरकार उक्त गारंटियों को पूरा करने के ईर्द गिर्द भी नहीं है।

कांग्रेस सरकार ने प्रदेश से किया भेदभाव 

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश से तो भेदभाव किया ही है, खास कर जिला कांगड़ा के तो सबसे अधिक भेदभाव किया है। घनश्याम शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी एवं पूर्व कर्मचारी बहुल प्रदेश है, जब कांग्रेस को सत्ता में आना था तो उन्होंने वायदा किया कि सत्ता में आते ही कर्मचारियों को पुरानी पैंशन दी जाएगी, लेकिन अफसोस की बात है कि सरकार ने करीब एक लाख 36 हजार कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। उन्होंने सरकार को श्वेत पत्र जारी करने की बात कहते हुए कहा कि सरकार बताए कि उन्होंने सत्ता में आने से पहले क्या कहा था और अब तक किया क्या है।

कर्मचारी पुरानी पैंशन की कर रहे मांग

प्रदेश में विभिन्न बोर्डों एवं निगमों 45 हजार कर्मचारी हड़ताल में हैं जो पुरानी पैंशन की मांग कर रहे हैं। इन कर्मचारियों को सरकार वेतन तक नहीं दे पाई है, यह प्रदेश सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है। विद्युत बोर्ड के कर्मचारी और शिक्षक हड़ताल पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर कोविड-19 के दौरान सेवाएं दीं, वह भी हड़ताल में है।

26 जनवरी से शुरू होगा प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन

घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार संवेदनहीन है। हिमाचल प्रदेश की सरकार हर मोर्चे पर फेल पर हो गई है। एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के मध्य सेवनिवृत हुए कर्मचारियों को लीव इन्केशमेंट, ग्रेजुईटी सहित अन्य लाभ अभी तक नहीं दिए गए हैं। कर्मचारियों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को 12 प्रतिशत डीए की किस्त जारी नहीं की गई है और इस लाभ को देने तक की बात नहीं कर रही है। पूर्व सरकार में लागू किए पे-कमीशन का एरियर सरकार नहीं दे रही है। सरकार यदि कर्मचारियों एवं पूर्व कर्मचारियों की मांगों और हितों को 26 जनवरी तक पूरा नहीं करती है तो प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।

सरकार को बताया डिनोटिफाई करने वाली सरकार

घनश्याम शर्मा ने प्रदेश सरकार पर कांगड़ा से भेदभाव करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक वर्ष के बाद सरकार ने कांगड़ा को दूसरा मंत्री दिया जिन्हें वह विभाग दिया जो वह भी डिनोटिफाई कर के दिया। उन्होंने सरकार को डिनोटिफाई करने वाली सरकार करार देते हुए कहा कि सत्ता में आते ही सरकार ने कई संस्थानों को डिनोटिफाई कर दिया।

ब्यूरो रिपोर्ट धर्मशाला

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