कांग्रेस के विधायक न करें छोटे मुहं बड़ी बात, संभाले अपना कुनबा : राकेश जम्वाल

कौल सिंह समेटे अपना बोरियां बिस्तर रिटायरमेंट निश्चित

उज्जल हिमाचल। शिमला

भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं सुंदर नगर के विधायक राकेश जम्वाल ने विक्रमादित्य सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि वह छोटे मुंह बड़ी बात न किया करें। उन्होंने कहा कि रजवाड़ी सोच के चलते वह खुद को कांग्रेस का मसीहा मान बैठे हैं और परिवारवाद के चलते खुद को कांग्रेस का उत्तराधिकारी मान बैठे हैं और अपने कद से बड़ी बयानबाजी कर रहे हैं। उन्हें विधानसभा में आए मात्र 4 वर्ष हुए हैं, अभी उनकी राजनीतिक सोच और कद इतना बड़ा नहीं हुआ है कि वह मुख्यमंत्री को कार्य करने का तरीका सिखाएं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री जयराम पांच बार के विधायक रहे हैं और गरीब परिवार से निकल कर आए हैं।

इसलिए वह आम जनता की समस्याओं को भली भांति जानते हैं और समझते हैं। इसलिए विक्रमादित्य अपना ज्ञान अपने पास रखें और छोटे मुंह बड़ी बात ना करें। साथ ही उन्होंने कहा जिस पद पर वह बैठे हैं, वह परिवारवाद की देन है, यह हिमाचल की जनता को अच्छे से मालूम है। उन्होंने विक्रमादित्य के इस बयान की कड़ी निंदा की कि भाजपा अंतिम 2 दिनों में पैसा बांट कर चुनाव को पलटने का प्रयास करेगी। विक्रमादित्य अपने संगठन की संस्कृति भाजपा में भेजने का प्रयास ना करें। क्योंकि यह संस्कृति कांग्रेस की रही है और चुनाव के दिनों में वह इस प्रकार के कार्य करते रहे हैं।

भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी ऐसे ही नहीं बनी है। भाजपा के साथ आज जो अपार जनसमूह चल रहा है, वह पैसों की ताकत से नहीं, बल्कि संगठन के विचार और विकास के लिए एकजुट होकर चल रहा है। भाजपा की शक्ति हमेशा ही कार्यकर्ता रहा है, जबकि कांग्रेस तीन लोगों का त्रिकोण है, जो उनका ही समीकरण बिगाड़ रहा है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता कौल सिंह पर तीखी बयानबाजी करते हुए कहा कि जो पहले से सन्यास पर हैं, उनके संन्यास की घोषणा का कोई अर्थ नहीं है। वह एक बूथ के नेता बनकर रह गए हैं। इतिहास गवाह है कि पूर्व में हुए चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के लगभग सभी नेताओं को भाजपा ने बूथ स्तर पर हराया है। इस प्रकार सारी कांग्रेस पार्टी को सन्यास ले लेना तय है।

उन्होंने कहा वैसे तो कभी भी अपनी जुबान पर कायम नहीं रहे, पर यदि इस बार वह सच में राजपूत है और अपनी जुबान पर कायम रहने का निर्णय ले चुके हैं, तो वह अपना बोरिया बिस्तर लपेट लें। क्योंकि उनकी रिटायरमेंट निश्चित है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के रहते वह उनका कितना साथ देते थे, सब इससे वाकिफ है और आने वाले समय में मंडी से उनकी पत्नी का कितना साथ देंगे। यह तो वह खुद और कांग्रेस तय कर लें।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के समय बधाई की पात्र हैं, उनके रास्ते का एक कांटा दूर हो गया है। अगर कौल सिंह अपनी जुबान पर कायम रहे। कांग्रेस में इस समय भावी मुख्यमंत्री के 10 दावेदार हैं। ऐसे में कौल सिंह के सन्यास लेने के बयान पर उन दावेदारों को बधाई देना बनता है। उन्होंने ब्रिगेडियर खुशाल सिंह के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि कारगिल भी जीते हैं मंडी भी जीतेंगे और केंद्र में मोदी सरकार के हाथ भी मजबूत करेंगे।