धर्मशाला में सत्तासीन नेताओं की नालायकी अब शिक्षा संस्थानों को भी कर रही प्रभावित: सुधीर शर्मा

उज्जवल हिमाचल। धर्मशाला

कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि धर्मशाला महाविद्यालय में महिला छात्रावास में छात्राओं की तबीयत बिगडना बेहद चिंता का विषय है, विद्यार्थीयों के भविष्य के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी प्रबंधन और सरकारों का काम है, लेकिन धर्मशाला के सत्तासीन नेताओं की नालायकी अब शिक्षा संस्थानों को भी प्रभावित करने लग गई है।

उन्होंने महाविद्यालय प्रबंधन और सत्तासीन नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शर्म की बात है कि प्रशासन इतना लाचार हो गया है कि अब वह छात्रों को पोष्टिक आहार तक नहीं खिला पा रहा है। इस मामले में उन्होंने महाविद्यालय प्रबंधन, छात्रावास की वार्डन और सत्तासीन नेताओं को कटघरे में खड़ा किया है। सुधीर शर्मा ने कहा कि पूरे मामले की उचित जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी नौबत न आए और यदि मौजूदा प्रबंधन इस मामले की जांच करने में असमर्थ है तो आगामी सरकार में इस मामले की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि उक्त मामले को करीब 3 दिन हो गए हैं लेकिन महाविद्यालय प्रबंधन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है। सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ का नारा क्या केवल चुनावी प्रचारों तक ही सीमित है या उनके स्वास्थ्य से इस नारे का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी दूर-दराज के क्षेत्रों से शिक्षा ग्रहण इस भरोसे पर अपने माता-पिता से दूर आते हैं क्योंकि उनका अच्छा ख्याल रखा जाएगा लेकिन इस घटना को देख कर न केवल विद्यार्थियों का भरोसा टूटा है बल्कि उनके माता-पिता का भरोसा टूटा है।

सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच करे और दोषियों खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य और स्वास्थ्य के साथ खिलबाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पेजल योजनाओं के रखरखाव में भी ढील बरती जा रही है यही कारण है की क्षेत्र में पीने के पानी से होने वाली बीमारियाँ बढ़ रही हैं।

गौरतलब है कि धर्मशाला महाविद्यालय की महिला छात्रावास की छात्राओं की करीब 3 दिन पहले तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा और डॉक्टरों ने इसमें फूड प्वॉइजनिंग की संभावना जताई थी।