काेराेना मरीजों को सुविधा मुहैया कराने के लिए खटखटाया HC का दरवाजा

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

पश्चिम विहार के सहगल नियो अस्पताल, दक्षिणी दिल्ली स्थित विमहंस अस्पताल और पूर्वी दिल्ली के कृष्णानगर स्थित गोयल अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट रहा। हालांकि कुछ घंटों की किल्लत के बाद उन तक ऑक्सीजन की व्यवस्था हो गई। सहगल नियो अस्पताल प्रशासन के मुताबिक उनके यहां कुल 75 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। पिछले दो दिनों से काफी दिक्कत आ रही है। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए जारी ऑक्सीजन के बीच एक और जनहित याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई है।

इसमें मांग की गई है कि कोरोना से पीड़ित जो लोग घर पर इलाज करवा रहे हैं, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मसलन ऑक्सीजन सिलेंडर, मेडिकल सुझाव, इंजेक्शन, टेटिंग व प्लाज्मा थिरेपी जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। जनहित याचिका में कहा गया है कि क्योंकि इन्हें अस्पतालों में बेड भरे होने का हवाला देते हुए भर्ती नहीं किया जाता है, जिससे इन्हें घर में इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली हाई कोर्ट इस बाबत सरकार को दिशा-निर्देश दिए जाएं।

बृहस्पतिवार को दोपहर कुछ सिलेंडर आए थे और कहा था कि शाम को बचे हुए सिलेंडर भेजेंगे, लेकिन रात तक नहीं पहुंचे। ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की भर्ती बंद कर दी है। अगर शुक्रवार तक हालात नहीं सुधरे तो पुराने मरीजों को भी छुट्टी देनी पड़ेगी। इसी तरह से गोयल अस्पताल में सुबह ऑक्सीजन खत्म हो गई। अस्पताल के निदेशक डॉ. अनिल गोयल ने बताया कि वह सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों को फोन करते रहे, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। किसी तरह दोपहर में 22 सिलेंडरों का इंतजाम किया गया।

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों से अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन नहीं पहुंचा है। इस वजह से गंभीर हालत में पहुंचे मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 70 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। आक्सीजन की व्यवस्था हमें खुद दिनभर जूझना पड़ता है। वहीं, विमहंस अस्पताल में भी गुरुवार को यही समस्या रही। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दोपहर तक हमारे पास ऑक्सीजन की आपूर्ति होनी थी, लेकिन हो नहीं पाई। अस्पताल में 212 मरीज भर्ती हैं।