मौत के साए काे पार कर घर पहुंचते हैं लाेग, प्रशासन-विभाग बेखबर

शैलेश शर्मा। चंबा

चंबा जिला के विधानसभा क्षेत्र डलहौजी के त्रिभोल गांव कि लोग आज भी मौत के साए में अपने गांव पहुंचने के लिए नदी पर बने पैदल पुल को पार कर रहे हैं। दरअसल इस पुल को बने काफी समय हो गया है और इसकी हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। लोहे का बना यह छोटा सा पुल जिसका फर्श भी जगह-जगह से उखड़ चुका है। इतना ही नहीं पुल के किनारे पर लगी लोहे की रेलिंग भी कई जगह से गायब है। पर प्रशासन द्वारा वहां पर रोक के लिए लोहे की कंटीली तारे लगा रखी हैं, ताकि कोई टूटी हुई रेलिंग की उस जगह से न जा पाए।

आपको बता दें कि जब इस पुल से कोई व्यक्ति या मवेशी आर-पार आता-जाता है, तो यह पुल पूरी तरह से हिलने लगता है, जिससे लोगों की धड़कनें और भी तेज हो जाती हैं। गाैरतलब है कि इस गांव के आसपास रहने वाले लगभग 500 परिवार रहते हैं और इस गांव के सभी लोग जिनमें बुजुर्ग, बूढ़े और करीब 100 छोटे-बड़े बच्चे इसी से होकर पढ़ाई करने स्कूल को जाते हैं। त्रिभोल व उसके आसपास के ग्रामीण इस बात से परेशान है कि यह पुल कभी भी धराशाही हो सकता है और यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। यहां के ग्रामीण इस पुल को ठीक करवाने के लिए जहां पंचायत प्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। वहीं, राजनेताओं से भी कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पुल की हालत जस की तस बनी हुई है। जर्जर हो चुके इस पुल की हालत को देखते हुए यह लगता है कि प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार बैठा है।

हर जगह से टूट चुके इस पुल से हरेक ग्रामीण खासा परेशान हैं। भड़के इन ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल नहीं मौत का कुंआ है। इस पुल और इन सरकारों की वजह से हम सभी ग्रामीण लोग तंग आ चुके है। यहां के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव को आने-जाने के लिए नदी पर जो पुल बना है, उसकी हालत पूरी तरह से खस्ता हो चुकी है। लोगों ने बड़े गुस्साए अंदाज में कहा की राजनेता जब चुनाव होते हैं, उस समय वोट मांगने के लिए यहां पहुंच जाते हैं और बड़े-बड़े वादे और बातें करते हैं, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हो जाता है, तो वह उनकी तरफ मुड़कर कभी नहीं देखते।

ग्रामीणों ने बताया कि अगर इस बार उनकी इस समस्या का हल नहीं किया, तो आने वाले विधानसभा चुनावों का वह बहिष्कार भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन यहां उनके गांव में आकर देखिए कि किस तरह का विकास हो रहा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उनकी समस्या का समाधान जल्द से किया जाए वरना आने वाले समय में वह चुनावों का बहिष्कार करेंगे।