दलित शोषण मुक्ति मंच ने करसोग में आयोजित किया सम्मेलन

पीयूष शर्मा। करसोग

करसोग में दलित शोषण मुक्ति मंच करसोग द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें करसोग उपमंडल के विभिन्न संगठनों के लोगों ने भाग लिया। उन्होंने दलित पीड़ित लोगों पर बढ़ रहे अत्याचारों को मुद्दों को जोर शोर के साथ उठाया। इस सम्मेलन का उद्घाटन मंच के राज्य संयोजक जगत राम द्वारा किया गया।

जगत राम द्वारा सदस्यों को संबंधोधित करते हुए संगठन के उद्देश्य और लक्ष्यों के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि डीएसएमएम एक ऐसा मंच है जो विभिन्न संगठनों, संस्थाओं, प्रगतिशील विचारों के लोगों को आपस में हिंसा, उत्पीड़न और भेदभआव के मुद्दों पर मंच प्रदान करता है। आजादी के 73 वर्षों के बाद भी आज दलितों व महिलाओं पर हिंसा, हत्या, शारीरिक मानसिक उत्पीड़न, सामाजिक जातीय भेदभाव की घठनाएं हर रोज घटित हो रही है।
हाल ही में सोमा कोठी मंदिर में दलितों के प्रवेश के वर्जित के नोटिस और चुराग में दलित महिला की हुई हत्या का मामला सम्मेलन में जोर शोऱ से गूंजा।

सोमाकोठी मंदिर में दलितों के प्रवेश वर्जित के लगे नोटिस की जांच करने की मांग

इस मामले पर दलित शोषण मुक्ति मंच द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें लिखा गया है कि सोमाकोठी मंदिर में दलितों के प्रवेश के बारे में गौर कानूनी नोटिस की जांच करके इस बारे स्पष्ट निर्देश स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र के मंदिरों के लिए दिए जाएं। चुराग में दलित महिला की हत्या में एससीएसटी एक्ट दर्ज कर दोषी को सजा दी जाए और मृत महिला के आश्रितों को तुरंत राहत प्रदान की जाए।

दलित भूमिहीनों को मिले भूमि

मंच द्वारा दलितों के साथ जातिय उत्पीड़न की घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लिया गया। शिल्लाई (सिरमौर) में केदार सिंह हत्याकांड, कुल्लू में देवता के फूल से उत्पन्न मुद्दा, सरकाघाट महिला उत्पीड़न, गुडिया बलात्कार जैसे मुद्दों पर मंच द्वारा आंदोलन किया गया है। दलितों भूमिहीनों को जमीन का मुद्दा भी इस दौरान जोर शोऱ के साथ उठाया गया और सरकार से मांग की गई कि दलितों को उचित जमीन वितरण की जाए। मंच द्वारा अपनी गतिविधियों का संचालन करने के लिए करसोग उमंडल स्तरीय एक कमेटी का भी गठन किया गया है