ब्रेकिंग : डेथ लेक ने उगला लापता का शव

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

आखिरकार 9 दिनों के बाद नंद लाल के परिवार की उसके घर वापिस आने की आस टूट गई है। ‘डेथ लेक’ के नाम से मशहूर बीएसएल नहर में बीते 21 अप्रैल को छलांग वाले 65 वर्षीय नंदलाल की लाश बीबीएमबी जलाशय से बरामद हो गई है। लाश की बरामदगी की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन, बीबीएमबी कर्मी और बीएसएल थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंच गए। वहीं बीबीएमबी जलाशय के अंतिम छोर शीशमहल पर लाश को बाहर निकालकर शिनाख्त करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल सुंदरनगर ले जाया गया। परिजनों द्वारा मृतक की मृत्यु को लेकर कोई भी शक नहीं जताया गया है। पुलिस द्वारा मृतक की शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

जानकारी के अनुसार बीती देर शाम थाना बीएसएल कालोनी को बीबीएमबी जलाशय के अंतिम छोर शीशमहल के समीप एक शव को तैरते हुए देखे जाने की सूचना मिली। इस पर पुलिस द्वारा थाना प्रभारी प्रकाश चंद मिश्रा की अगवाई में मौके पर पहुंच कर जांच शुरू की गई। पुलिस द्वारा 9 दिन पहले बीएसएल नहर में छलांग लगाने वाले 65 वर्षीय नंद लाल पुत्र हुरमत सिंह निवासी गांव सुसन डाकघर चांबी सुंदरनगर के शव की आशंका होने पर उसके परिजनों को भी सूचित किया गया। वहीं परिजनों द्वारा मौके पर पहुंच कर शव की शिनाख्त भी कर दी गई। पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल सुंदरनगर में करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले की पुष्टि करते हुए थाना प्रभारी प्रकाश चंद मिश्रा ने कहा कि मृतक नंदलाल के शव को बीबीएमबी जलाशय से बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा मृतक की मृत्यु को लेकर कोई भी आशंका नहीं जताई गई है। उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया गया है। मिश्रा ने कहा कि मामले में सीआरपीसी की धारा 174 में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

क्या है मामला
बीते 21 अप्रैल को सुंदरनगर-बग्गी सड़क मार्ग पर गांव अप्पर बैहली में एक 65 वर्षीय व्यक्ति द्वारा बीएसएल नहर में छलांग लगाकर अपनी ईहलीला समाप्त कर दी गई थी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर बीएसएल थाना के एसएचओ प्रकाश चंद मिश्रा द्वारा अपनी टीम सहित आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। वहीं मौके पर पुलिस द्वारा लाइसेंस की वेरिफिकेशन के आधार पर नहर में छलांग लगाने वाले व्यक्ति की शिनाख्त नंद लाल पुत्र हुरमत सिंह निवासी गांव सुसन डाकघर चांबी सुंदरनगर के तौर पर हुई थी। वहीं छलांग लगाने के अगले ही दिन माहूंनाग डाइविंग स्कूल के जांबाज गोताखोरों द्वारा पूरा दिन नहर में मृतक को लेकर तलाश की गई। लेकिन उनके हाथ भी खाली रहे थे।