हिमाचल में नौकरियों को लेकर करुणामूलक संघ का जयराम सरकार को अल्टीमेटम

उज्जवल हिमाचल । शिमला

करुणामूलक संघ की मीटिंग प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता मैं गूगल मीट के जरिये हुई। इसमें प्रदेशभर के लगभग 300 आश्रितों ने भाग लिया| गूगल मीट के जरिए एलान किया कि जो करुणामूलक नौकरियां बहाल करेगा 2022 के चुनावों में उसी पार्टी को सत्ता में लाएंगे। उन्होंने बताया कि करुणामूलक संघ लंबे लम्बे समय से करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए संघर्षरत है लेकिन सरकार इन परिवारों के लिए कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 4500 मामले अनेक विभागों, बोर्डों व निगमों में लंबित पड़े हैं। इन परिवारों को रोजी रोटी परिवार के लालन पालन के लाले पड़ गए हैं।  उन्होंने कहा कि वे कई बार इस मुद्दे को लेकर सरकार के नुमाइंदों के सामने रख चुके हैं लेकिन आश्चासन के अलावा उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ है। मीटिंग मैं उपाध्यक्ष राहुल कुमार, सचिव रजत पठानिया, मीडिया प्रभारी राजनिश चौधरी , अरुण, प्रताप सिंह , राजेंद्र, अरविंद, शशि कांत, रजत मेहरा, संजय, कमल सिंह, अशोक कुमार, संजय कुमार, संजय कुमार, आदि आश्रित मौजूद रहे।

क्या हैं करुणामूलक संघ की मांगें

1  समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केसों को जो 7/03/28019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको One Time Settlement के तहत सभी को एक साथ नियुक्तियां दी जाएं।

2) करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संसोधन किया जाए और उसमें Rs 62,500 एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए।

3) योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाए

4) 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तोर पर नियुक्तियाँ दे सकें

5) जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए

6) जिन के केस कोर्ट मैं बहाल हो गए है उन्हे भी नियुक्तियां दी जाएं ।