वन विभाग के परियोजनाओं के कर्मियाें का अनुबंध व दैनिक वेतन बढ़ाने की उठाई मांग

वन विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का सेवाकाल 60 वर्ष किया जाए

एस के शर्मा। हमीरपुर

विश्व बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों का अनुबंध व दैनिक बेतन बढ़ाने, कर्मचारियों को नियमित करने व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवारत प्रदान करने की मांग प्रदेश सरकार व वन विभाग परियोजना प्रबंधन से वन परियोजना कर्मचारी महासंघ हमीरपुर इकाई ने की है। वन परियोजना कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिला है व कर्मचारियों की उक्त समस्या से अवगत करवाया गया है।

वन परियोजना कर्मचारी महासंघ के वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र वर्मा, पूथ्वी चंद, बीर सिंह, देवराज सहित अन्यों ने जारी प्रैस बयान में कहा कि प्रदेश में वन परियोजनाओं में लगभग 300 कर्मचारी अनुबंध व दैनिक वेतन भोगी के आधार पर लगभग 15-30 वर्षों से लगातार कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 तक वन विभाग के अधीन कंडी परियोजना चलाई गइ परियोजना में लगभग 150 दैनिक भोगी मिड हिमालय परियोजना में समायोजित किए गए। उन्होंने कहा कि 2005 से लेकर 2016-17 तक दैनिक वेतन भोगी व अनुबंध कर्मचारियों की संख्या 300 तक पहुंच गई।

2016-17 में आईडीपी नई परियोजना शुरू की गई। उसमें लगभग 300 कर्मचारी एचपीएनआरएमएस के तहत नियुक्त किए गए। उन्होंने कहा कि इसमें जो कर्मचारी दैनिक भोगी थे उनका ज्यादा शोषण हुआ। क्योंकि लगभग 30 वर्षों तक न ही उनकों पक्का किया गया और न ही अन्य वितीय लाभ/ अनुबंध कर्मचारी नियुक्त किया गया। जिस कारण उक्त कर्मचारी निर्धारित वेतन से बंचित रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई कर्मचारी है, जिनका कार्यकाल दैनिक वेतन भोगी से शुरू हुआ और वहीं पर ही खत्म हो गया।

उन्होंने कहा परियोजना प्रबंध से कई बार दिहाड़ी वालों को नियमित करने व सेवाकाल बढ़़ाने का आग्रह किया गया, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी। वरिष्ठ उपप्रधान नरेंद्र वर्मा ने प्रदेश सरकार व वन विभाग से मांग की है कि सभी कर्मचारियों को सेवा अवधि को ध्यान में रखते हुए वित्तीय लाभ दिए जाए और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 58 की जगह 60 वर्ष तक सेवारत प्रदान की जाए।