भारतीय मजदूर संघ ने नए श्रम कानूनों के विरोध में किया प्रदर्शन

सुरेंद्र सिंह सोनी। बीबीएन
भारतीय मजदूर संघ की प्रदेश इकाई ने केंद्र सरकार की ओर श्रम कानूनों में किए गए फेरबदल का विरोध किया है। संघ ने बुधवार को झाड़माजरी में इसके विरोध में प्रदर्शन किया तथा श्रम अधिकारी के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा है। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष मेला राम चंदेल, कार्यालय सचिव राजू भारद्वाज, खेम राज, अश्वनी, महेंद्र, पूनम, प्रेम लता, पार्वती देवी, निक्की देवी, तृप्ता देवी, आशा देवी ने झाड़माजरी में नए श्रम कानूनों का विरोध करते हुए रैली निकाली। श्रम कार्यालय परिसर में रैली को संबोधित करते हुए मेला राम चंदेल ने कहा कि नए कानूनों के तहत अब कामगारों की सौ से कम सं या वाले कारखानों में छंटनी व बंद करने के लिए सरकार की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फैसले से फैक्टरी संचालकों को मनमानी बढ़ जाएगी तथा कामगारों को शोषण होगा।

श्रम अधिकारी के माध्यम से केंद्र को भेजा ज्ञापन

यही नहीं कारखाने में स्टेडिंग आर्डर भी निष्प्रभावी हो गए है। कंपनियों में पहले हड़ताल की सूचना आवश्यक सेवाओ में दी जाती थी लेकिन अब सभी में अनिवार्य हो गई है। उन्होंने कहा कि नए नियम के तहत अब कारखानों में 51 श्रमिकों की सदस्यता वाली यूनियन ही नेगोशिनयन का अधिकार रखेगी। दस से अधिक कामगारों वाले प्रतिष्ठानों को कारखाना माना गया है लेकिन ऐसे बहुत कारखाने में जिसमें दस से कम कामगार है। संघ ने इन सभी कानूनों का विरोध किया है तथा आशा वर्कर, आगंनबाड़ी कार्यकर्ता, मिड डे मिल, सिलाई अध्यापिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करते उन्हें 18 हजार रुपये मानदेय की मांग रखी है। संघ ने श्रम अधिकारी के माध्यम से केंंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा है जिसमें श्रमिको को प्रभावित करने वाले श्रम कानूनों को अविलंब रद करने की मांग की है।