केंद्रीय बजट के खिलाफ शिमला में विभिन्न संगठनों ने किया विरोध-प्रदर्शन

उज्जवल हिमाचल। शिमला

केंद्रीय बजट के विरोध में SFI, DYFI, AIDWA ने उपायुक्त शिमला कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने केंद्रीय बजट को देश की जनता विरोधी बताया है। महंगाई, बेरोज़गारी आज चरम पर है सरकार को इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए थे लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं है।

डीवाईएफआई शिमला शहरी सचिव अमित कुमार ने बताया कि यह प्रदर्शन जन विरोधी केंद्रीय बजट के खिलाफ है देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है बेरोजगारी को रोकने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में नौकरियां देने की बात कही गई है लेकिन 2014 में 2 करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही गई थी लेकिन धरातल पर कुछ नही हुआ जिससे बेरोजगारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं, स्कीमों के लाभार्थियों की एक बड़ी संख्या महिलाओं की है, जिनमें मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए जारी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्तावों में बेरोजगारी की समस्याओं को हल करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।

देश में 20 करोड़ के आसपास युवा बेरोजगार हो चुके हैं और सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा था कि वह हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देगी। मगर इस बजट में सरकार ने केवल मात्र 60 लाख लोगों को रोजगार देने की बात की है। यह बजट युवाओं के रोजगार पाने की उम्मीदों से खिलवाड़ कर रहा है। मनरेगा के बजट आबंटन में गिरावट आई है। वर्ष 2022-23 के बजट में पिछले वर्ष की तुलना 25 प्रतिशत कटौती की गई है। उन्होंने इस बजट को पूरा जनविरोधी बताया है।