उपायुक्त ने की टीबी उन्मूलन अभियान और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर

उपायुक्त देबश्वेता बनिक ने मंगलवार को हमीर भवन में स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों एवं अभियानों से संबंधित जिला स्तरीय समितियों की बैठक की अध्यक्षता की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। जिला क्षय रोग उन्मूलन समिति एवं इससे संबंधित अन्य दो समितियों की बैठक के दौरान उपायुक्त ने कहा कि हमीरपुर जिला को क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से व्यापक अभियान चलाया गया है और इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला हमीरपुर को पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर कांस्य पदक मिला था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सराहनीय उपलब्धियों तथा यहां टीबी के रोगियों की संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट को देखते हुए इस वर्ष जिला हमीरपुर की रैंकिंग में और भी सुधार की उम्मीद है।

उपायुक्त ने बताया कि जिला की इन उपलब्धियों के आकलन तथा सब-नेशनल टीबी फ्री सर्टिफिकेशन के लिए इस वर्ष 21 फरवरी से 7 मार्च तक जिला के किन्हीं 10 गांवों में सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे के लिए टीमों का गठन कर लिया गया है। इन टीमों के वालंटियर्स के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस सर्वे को सफलतापूर्वक एवं प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए महिला एवं बाल विकास, आयुर्वेद, शिक्षा, पंचायतीराज और अन्य विभागों के अलावा स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ भी समन्वय स्थापित करें। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि जिला में एचआईवी पॉजीटिव लोगों को एआरटी सेंटर के माध्यम से सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। एचआईवी-एड्स से ग्रस्त लोगों के बच्चों के लिए भी वित्तीय मदद का प्रावधान किया गया है। देबश्वेता बनिक ने बताया कि एचआईवी.एड्स से संंबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1097 पर संपर्क किया जा सकता है। इस टॉल फ्री नंबर पर कॉल करने वाले सभी लोगों की जानकारी गुप्त रखी जाती है।

उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों को इस हेल्पलाइन नंबर का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में भी युवाओं को एचआईवी.एड्स के बारे में जागरुक किया जाना चाहिए। बैठक में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता और स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनील वर्मा ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और इनसे संबंधित विभिन्न मुद्दों एवं उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में जिला पंचायत अधिकारी हरबंस सिंह, उच्चतर शिक्षा उपनिदेशक दिलवरजीत चंद्र, अन्य विभागों के अधिकारियों, बीडीसी अध्यक्ष हरीश शर्मा और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़ी स्वयंसेवी संस्था के पदाधिकारियों ने भी भाग लिया।