स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने शर्म से झुकाया प्रदेश का सिर : राहुल चौहान

उज्जवल हिमाचल। फतेहपुर

हाल ही में प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के निदेशक का रिश्वत मांगते हुए ऑडियो वायरल हुआ है, जो कि प्रदेश के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। इसकी भर्त्सना करते हुए करणी सेना के युवा शक्ति अध्यक्ष राहुल चौहान ने बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना जैसी सर्वव्यापी महामारी में जब सपूर्ण विश्व के कई देश ऐसी भयंकर बीमारी से लोगो को बचाने के लिए प्रयासरत है और इसी के मद्देनजर जब देश और प्रदेश की जनता कोविड फ़ंड एव मुख्यमंत्री राहत कोष में दिल खोलकर दान कर रही थी।

वहीं, दूसरी तरफ हिमाचल जैसे शांति प्रिय राज्य के जिस स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी ऐसी भयानक बीमारी में सर्वश्रेष्ठ और जनता के समक्ष ईमानदार होनी चाहिए, परंतु उसी विभाग के सबसे बड़े अधिकारी, विभाग के निदेशक ने प्रदेश के उच्चस्तरीय विभाग की कार्यालय में बैठकर जनता द्वारा दिए गए दान से भ्र्ष्टाचार और घोटाले में व्यस्त थे। उपकरणों की खरीददारी में लाखों रूपए के भ्रस्टाचार को अंजाम दिया जा रहा था, जो अति शर्मनाक है।

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चौहान ने कहा कि पूरे देश में इस रिश्वत प्रकरण से प्रदेश की छवि बहुत ज्यादा धूमिल हुई है। वायरल ऑडियो का सच भी जनता के सामने आना चाहिए कि आखिर वो कौन से बड़े नेता है, जिनके लिए पांच लाख रिश्वत की मांग की गई थी तथा जिनके अटेच स्टाफ को अभी अभी ड्राप भी किया गया। उन्होंने कहा कौन से नेताओं के डीओ नोट पर इसी अधिकारी की रिटायरमेंट की सीमा में छूट मांगी गई थी। यह सब बातें जनता में सार्वजनिक की जानी चाहिए।

कहा क्या इसी प्रकार हिमाचल को भ्र्ष्टाचार में शिखर की ओर लेकर जाया जाएगा। प्रदेश की भाजपा सरकार की स्वास्थ्य विभाग में कार्यप्रणाली संदेहजनक है तथा इस घोटाले में लिप्त नेताओं एवं उनके खास अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच के लिए सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज को अधिकृत किया जाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि जनता द्वारा दिए गए कोविड फंड दौरान हो रहे रिश्वत प्रकरण में सचाई सामने आ सके।

ऐसे समय मे होने वाले इस रिश्वत प्रकरण ने हिमाचल की छवि को पुरी तरह से खराब किया है और जहां लोग इतनी महामारी में भी आर्थिक तंगी के कारण मुख्यमंत्री राहत कोष या कोविड फंड में भरपूर योगदान दे रहे है। वहीं, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग जो कि वर्तमान में मुख्यमंत्री साहब के अधीन है, उसी विभाग के निदेशक इसी फंड की हेराफेरी करते हुए पाए गए और विजिलेंस द्धारा गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं।

ऐसी कोरोना महामारी में भ्र्ष्टाचार कर रहे बड़े नेताओं को बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। क्याेंकि यह मामला मुख्यमंत्री के विभाग का है। इसलिए करणी सेना के प्रदेश युवा शक्ति के अध्यक्ष इस मामले की जांच सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में करवाने की मांग करती है।