जज्बे को सलाम : आशाओं भरा सफर लेकर चले दिव्यांग सुनील प्रधान

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कहते हैं दिल में जज्बा और उमंगों में उड़ान हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता । इसी पंक्ति की उंगली पकड़े दिव्यांग सुनील प्रधान जिला चम्बा से जिला कांगड़ा तक स्कूटर पर सफर कर रास्ते की सभी मुश्किलों को पार करते हुए अपने एक छोटे से सपने को पूरा करने चले हैं। एक गरीब किसान के बेटे जिनके जीवन में हमेशा हर चीज की कमी रही है ,वे अपने जैसे दिव्यांगों के लिए एक नई दिशा, एक प्रेरणास्त्रोत बनके उभरे हैं ।उन्होंने स्वयं के जीवन पर आधारित किताब लिखकर जीवन से निराश लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर दी। स्वयं पैरों से विहीन छाती के बल रेंगते हुए चलने वाले सुनील ने जब अपनी आपबीती सुनाई तो सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए ।


उन्होंने बताया कि स्वयं अंगहीन होने पर भी उन्होंने कोरोना पीड़ितों की स्वयं मदद की। घर-घर जाकर कोरोना से जूझ रहे लोगों को दो गज दूरी और स्वच्छता का पाठ पढ़ाया । आज उनसे मुलाकात पर पता चला कि इंसान अंगहीन होने पर भी बड़े से बड़ा कार्य सकता है ,शर्त बस इतनी कि आशाएं उड़ान भरी हों।