दियोटसिद्ध में मंदिर ट्रस्ट व प्रशासन ने तय किए पूजन-अर्चना के लिए दोहरे मापदंड

एसके शर्मा। हमीरपुर

उत्तरी भारत के एकमात्र सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मंदिर ट्रस्ट व प्रशासन ने पूजन-अर्चना के लिए दोहरे मापदंड तय कर दिए हैं। ट्रस्ट प्रशासन देश-विदेश से आने वाले आस्थावान श्रद्धालुओं के लिए अलग मापदंड अपना रहा है और अगर मंदिर में कोई वीआईपी आता है, तो उसके आगे न्यास प्रशासन के सारे नियम-कायदे नतमस्तक हो जाते हैं। यानी आस्थावान श्रद्धालुओं के लिए कोरोना के नाम पर मंदिर न्यास अभी भी कई तरह की बंदिशों का हवाला देते हुए रोक-टोक कर रहा, लेकिन वीपाईपी के लिए कोरोना के नाम पर तय किए गए अधिकांश नियम कायदे एक मिनट में गायब हो रहे है।

वैक्सीन आने के बाद और कोरोना के गिने-चुने केस रह जाने के कारण प्रदेश में सरकार ने लगभग सभी पाबंदियां हटा दी है। इसी बजह से श्रद्धालु मंदिरों के लिए की गई पाबंदियों में ढील देने की मांग उठा रहे हैं, लेकिन न्यास प्रशासन दियोटसिद्ध श्रद्धालुओं की पूजन के संदर्भ में तय नियमो में ढील देने की मांग को तो नजरअंदाज कर रहा है, परंतु मंदिर में अगर कोई वीआईपी आ जाता है, तो न्यास खुद नियमों को तोड़ने में पहल कर रहा है। मंदिर ट्रस्ट के इस दोहरे मापदंड से श्रद्धालु खासे आहत हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गत दिवस सामने आया, जब प्रदेश सरकार के एक मंत्री दियोटसिद्ध मन्दिर में माथा टेकने के लिए आए। प्रदेश सरकार के मंत्री आए, तो मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं के लिए जो सख्ती से बंदिशें लगाई है।

उन नियमों को खुद ही तोड़ने में पहल कर दी। क्योंकि माथा टेकने वाला कोई आम श्रद्धालु नही बल्कि प्रदेश सरकार के मंत्री थे। जब बीआईपी आए तो अधिकारियों ने मंदिर में स्थित बाबा बालक नाथ जी के धूने के गेट को मंत्री के खातिर 2 मिनट में खोल दिया, जबकि उस धूने को खोलने और माथा टेकने की अनुमति देने के लिए श्रद्धालु लगातार मांग उठा रहे है। यानी जिस धूने पर न्यास अभी श्रद्धालुओं को आने से पावंदी लगा रहा है, वहां मंत्री को प्रवेश करवाकर हवन भी करवाया गया। वहीं, जब श्रद्धालु धूने में माथा टेकने की मांग कर रहे हैं, तो न्यास अभी भी कोविड नियमों का पाठ श्रद्धालुओं को पढ़ा रहा है।

इतना ही नहीं न्यास अधिकारियों ने मंदिर परिसर भीतर सहित बाबाजी के थड़े पर भी आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी अभी भी जारी रखी हुई है, लेकिन वीआईपी के लिए न्यास के अधिकारियों को न तो कोई पावंदी दिखी और ही पूजन करवाने से कोई गुरेज किया गया। वहीं, जब अन्य श्रद्धालु बाबाजी के परिसर में आकर थड़े, गुफा व धूने पर माथा टेकने की मांग उठा रहे हैं, तो न्यास प्रशासन को कोविड नियम याद आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चिंतपूर्णी सहित कई मंदिरों में हवन कुंड व मंदिर के अन्य पूजन स्थलों को खोल दिया गया है तथा इसी वजह से बाबा बालक नाथ में आस्था रखने वाले श्रद्धालु वैक्सीन आने के बाद लगातार मांग उठा रहे हैं कि अब जब सबकुछ सामान्य होने लगा है, तो डियोटसिद्ध मन्दिर में भी पहले की तरह गुफा दर्शन व धूने पर पूजन कि पाबंदी हटा दी जाए, लेकिन न्यास अधिकारी श्रद्धालुओं के लिए तो कोविड नियम बता रहे हैं, पर बीआईपी के लिए सारे नियमों को दरकिनार करने में जरा देर नहीं लगा रहे।

मंत्री के आदेशों के बाबजूद नही दे रहे ढील
उल्लेखनीय है, जब प्रदेश सरकार के मंत्री माथा टेकने यहां आए, तो न्यासियों समेत कुछ श्रद्धालुओं ने मंत्री के समक्ष यह मांग उठाई की, जब वैक्सीन भी आ चुकी है तथा केस भी गिने चुने आ रहे हैं, तो ऐसे में अन्य मंदिरों की तरह दियोटसिद्ध मंदिर में भी पुरानी व्यवस्था के तहत गुफा दर्शन, धूना पूजन की अनुमति दी जाए, जिस पर मंत्री ने सचिव सहित स्थानीय अधिकारियों को पुरानी व्यवस्था बहाल करने के आदेश दिए, लेकिन मंत्री के आदेशों के बाबजूद अभी तक मंदिर प्रशासन ने इस बाबत कोई कदम नहीं उठाया है।