हेडमास्टर पदोन्नति हेतु अनुभव अर्हता में न दें कोई ढील

एसके शर्मा। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश में समस्त पदोन्नति प्रक्रियाओं में विभाग द्वारा पदोन्नति देने के लिए विविध प्रकार की अनुभव शर्तें निर्धारित की गई हैं । टीजीटी से प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति हेतु 5 वर्ष का शिक्षण अनुभव, मुख्याध्यापक से प्रिन्सिपल पद हेतु न्यूनतम 3 वर्ष सेवाकाल या टीजीटी सेवाकाल 15 वर्ष सहित 2 वर्ष हेडमास्टर के रूप में कार्य, प्रवक्ता स्कूल न्यू से प्रिसिंपल पद हेतु न्यूनतम 8 वर्ष सेवाकाल, जेबीटी से टीजीटी हेतु न्यूनतम 5 वर्ष सेवाकाल, पीईटी से डीपीई हेतु न्यूनतम 5 वर्ष सेवाकाल न्यूनतम अनुभव अर्हता के रूप में अनिवार्य शर्त है, मगर हेडमास्टर पदोन्नति हेतु बतौर टीजीटी आठ साल न्यूनतम सेवाकाल अर्हता का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है।

ऐसे में जिन शिक्षकों की 3 वर्ष भी बतौर टीजीटी सेवा नहीं थे, उनको हेडमास्टर बनाया जा रहा है, जिससे वरिष्ठ टीजीटी शिक्षक खफा हैं। हेडमास्टर प्रमोशन के लिए टीजीटी और वर्ष 2011 से पूर्व प्रमोट प्रवक्ता पात्र हैं और नियमों में बतौर टीजीटी 8 वर्ष सेवाकाल इस पदोन्नति हेतु अनिवार्य है, मगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा भूतपूर्व सैनिक कोटे में पूर्व सेवा वरिष्ठता लाभ के लिए पात्र शिक्षकों को 3 वर्ष सेवाकाल पर भी हेडमास्टर पदोन्नति का अवसर मिलता है। अन्य वर्गों को जब ये छूट किसी भी नियमावली में देय नहीं है, तो बतौर टीजीटी 8 वर्ष सेवाकाल अनुभव अर्हता में कोई ढील न दी जाए।

उक्त मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज, संघ प्रचारक ओम प्रकाश, प्रेस सचिव पवन रांगड़ा, जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविंद्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ. सुनील दत्त, नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप, शेर सिंह, पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा व देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से की है और नियमों के विपरीत पदोन्नतियां न करने की अपील की है। संघ ने 7 वर्ष से लंबित भर्ती पदोन्नति नियमों में बदलाव की प्रक्रिया तेज़ करने की अपील भी सरकार से की है ।

25 सितंबर तक जमा करें स्टेट डेलीगेट सूचियां
हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि 25 सितंबर 2021 तक सभी जिला प्रधान राज्य स्तरीय चुनावों के लिए खंडवार एक डेलीगेट फ़ाईनल करते हुए सूचियां उनके पास जमा करें ताकि चुनावी पहचान-पत्र जारी किए जा सकें और राज्य कार्यकारिणी के चुनाव सम्पन्न करवाए जा सकें।