तारीख मांगने वाले नहीं, बहस करने वाले वकील बनोः सुप्रीम कोर्ट

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को किसी मामले के दौरान एक युवा वकील को तारीख मांगने की अपेक्षा बहस करने वाले वकील बनने की सलाह दी। दरअसल, अपने वरिष्ठ वकील की अनुपस्थिति के कारण युवा वकील ने मामले की सुनवाई में अगली तारीख मांगी थी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष जब युवा वकील ने कहा कि उन्होंने फाइलें नहीं पढ़ी हैं तो पीठ ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, ‘हां जज तो गधे हैं जिन्होंने देर रात तक दिन की सारी फाइलें पढ़ी हैं। उन्होंने तो मामलों को निपटाने की शपथ ली है। वकीलों को तो उनके ब्रीफ भी नहीं पढ़ने चाहिए।’

हालांकि इसके तुरंत बाद पीठ ने कहा, ‘हम आपसे नाराज नहीं है। हम समझ सकते हैं कि कई बार ऐसी चीजें हो जाती हैं। लेकिन आपको हमेशा तैयारी करके आना चाहिए, भले ही आप जजों के सामने सिर्फ मामले का उल्लेख कर रही हों।’

युवा वकील को समझाते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘ऐसे ही आप जजों के सामने अपनी छवि बनाती हैं। जजों के समक्ष हमेशा तैयारी के साथ आइए। भले ही आपके वरिष्ठ ने मामले का उल्लेख करने या स्थगन की तारीख मांगने के लिए कहा होए लेकिन आपको अपने ब्रीफ के साथ तैयार रहना चाहिए और तैयारी करके आना चाहिए।’