बीमार बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रही बजुर्ग मां

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

गरीबी और दुःख इंसान को लाचार कर देते हैं और अगर घर में कमाने वाला और देखभाल करने वाला बिस्तर पकड़ ले तो बजुर्ग किस का सहारा लें, उनकी न सरकार सुनती है और न ही पंचायत। सिर्फ अपनी किस्मत को कोसते हुए जैसे तैसे दिन गुजरते हैं। ऐसा ही एक मामला ज्वालामुखी उपमंड़ल की भाटी बोहन पंचायत के कोहला सुगवाल का है जहां एक अनपढ़ बजुर्ग विधवा मेलो देवी अपने बीमार दत्तक बेटे के इलाज व खाने के लिए तरस रही है, पर सुनने वाला कोई नहीं। एक कच्चे मकान की हालत भी जर्जर बनी हुई और गिरने की कगार पर है।

हर तरफ से थक हार कर बजुर्ग महिला मेलो देवी ने शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष रंजीत धीमान को अपना दुखड़ा सुनाया और न्याय की मांग की। बजुर्ग मेलो देवी ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके पड़ोसी ने उनके साथ लड़ाई झगडा किया और बेटे प्रदीप के साथ भी हाथापाई मारपीट की, जिसकी शिकायत उन्होंने पंचायत में दी लेकिन पंचायत ने मामला ज्वालामुखी थाना में दे दिया और प्रदीप को थाना में बुलाया गया। उसके बाद प्रदीप की दिमागी हालत अब ठीक नही रहती और उसने बिस्तर पकड़ लिया है। इसके इलाज पर भी बहुत पैसे खर्च हो रहे हैं। मेलो देवी ने फिर इसकी शिकायत डीसी कांगड़ा को भी की तब उसके घर दो पुलिस कर्मी घर आए और कागज पर अंगूठा लगवाकर चले गए।

मेलो देवी को कुछ नही बताया और इसके बाद कोई सुनवाई नहीं हुई। बजुर्ग महिला का नाम बीपीएल में भी नही है, डिपो से राशन भी मात्र दो किलो आटा व तीन किलो चावल ही मिलते हैं। शिवेसना प्रदेश अध्यक्ष रंजीत धीमान ने बताया कि उन्होंने मेलो देवी के घर का दौरा किया। दयनीय हालत में रह रही बजुर्ग को राशन उपलब्ध करवाया और सरकार से गुहार लगाई है कि मेलो देवी को बीपीएल में जोड़ा जाए। इसके मकान का भी प्रबन्ध करवाया जाए , बेटे को इंसाफ दिलाया जाए और इलाज भी मुहैया करवाया जाए। आखिर पंचायत प्रतिनिधि अपने गांव के गरीबों की सुध क्यों महि लेते और क्यों गरीब आज भी लाचार है। गांव की महिला मंडल सदस्य सरिता देवी ने भी बजुर्ग महिला व बेटे को सरकार से सहायता देने की मांग की है।